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Maha Shivratri: इस तरह करें भगवान शिव का रुद्राभिषेक, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

Maha Shivratri 2019: हिन्दू धर्म के बड़े पर्व में एक महाशिवरात्रि का पर्व भी है. इसे फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. माना जाता है इस दिन शिव जी का प्राकट्य हुआ था. इसके अलावा शिव जी का विवाह भी इस दिन माना जाता है. इस दिन महादेव की उपासना से व्यक्ति को जीवन में सम्पूर्ण सुख प्राप्त हो सकता है. इस दिन व्रत, उपवास, मंत्रजाप तथा रात्रि जागरण का विशेष महत्व है.
कई दुर्लभ संयोग बने हैं ऐसे में इस दिन का महत्व और बढ़ गया है
इस महापर्व का सोमवार को पड़ना एक बड़ा संयोग है. इस वर्ष शिवरात्रि का पावन पर्व श्रवण नक्षत्र में पड़ रहा है. श्रवण का स्वामी चंद्रमा होता है. श्रवण नक्षत्र और सोमवार का एक साथ महाशिवरात्रि पर बहुत ही शुभ संयोग है. इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी है.
शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में फर्क?
हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन आने वाली शिवरात्रि को सिर्फ शिवरात्रि कहा जाता है. लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी के दिन आने वाले शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है. साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है.महाशिवरात्रि में कैसे करें भगवान शिव का रुद्राभिषेक-
शिवरात्रि को भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है.
– गाय के दुग्ध से रुद्राभिषेक करने से संपन्नता आती है तथा मन में की गई मनोकामना पूर्ण होती है.
– जो लोग रोग से पीड़ित हैं या हमेशा अस्वस्थ रहते हैं या किसी गंभीर बीमारी से परेशान हैं, उनको कुशोदक से रुद्राभिषेक करना चाहिए. कुश को पीसकर गंगा जल में मिलाकर फिर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें.
– धन प्राप्ति के लिए देसी घी से रुद्राभिषेक करें.
– निर्विध्न रूप से किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए तीर्थ स्थान के नदियों के जल से रुद्राभिषेक करें.
– गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करने से कार्य बाधाएं समाप्त होती हैं तथा वैभव और सम्पन्नता में वृद्धि होती है.
– शहद से रुद्राभिषेक करने से जीवन के दुख समाप्त होते हैं तथा खुशियां आती हैं.
– इस दिन महामृत्युंजय मंत्र के जप से रोगों से मुक्ति मिलती है तथा व्यक्ति दीर्घायु होता है.
उपाय-1
शिवरात्रि पर रात में किसी शिव मंदिर में दीपक जलाएं. शिवपुराण के अनुसार कुबेर देव ने पूर्व जन्म में रात के समय शिवलिंग के पास रोशनी की थी. इसी वजह से अगले जन्म में वे देवताओं के कोषाध्यक्ष बने.
उपाय- 2
हनुमानजी भगववान शिव के ही अंशावतार माने गए हैं. शिवरात्रि पर हनुमान चालीस का पाठ करने से हनुमानजी और शिवजी की प्रसन्नता प्राप्त होती हैं. इनकी कृपा से भक्त की सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं.
उपाय- 3
जल में केसर मिलाएं और ये जल शिवलिंग पर चढ़ाएं. इस उपाय से विवाह और वैवाहिक जीवन से जुडी समस्याएं खत्म होती हैं.
उपाय- 4
शिवलिंग पर दूर्वा चढ़ाएं. इससे शिवजी और गणेशजी की कृपा से सुख-समृद्धि भी बढ़ती हैं.
उपाय- 5
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय काले तिल मिलाएं. इस उपाय से शनि दोष और रोग दूर होते हैं.
उपाय- 6
शीघ्र विवाह के लिए पीले वस्त्र धारण करके शिव पूजन करें, शिव लिंग पर 108 बेलपत्र अर्पित करें. हर बेल पत्र के साथ “नमः शिवाय” कहें.

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