संसद के मानसून सत्र की शुरुआत हंगामे भरी रही है. बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया, इस दौरान पीएम मोदी भी लोकसभा में मौजूद थे. भारी हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित तक दी गई है.
वहीं राज्यसभा में शरद यादव ने भी राज्यसभा में किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरा. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा. दिग्विजय सिंह ने कहा कि आज भी जंतर-मंतर पर कई किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार चुप है.
बीजेपी संसदीय दल की बैठक
बुधवार को सत्र शुरू होने से पहले संसद में ही बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई. बैठक में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने हाल ही में हुई पीएम मोदी कि विदेश यात्रा की तारीफ की, वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी पर अपनी बात रखी. सुषमा ने कहा कि हाल ही में जो पीएम की यात्राएं रही हैं, वह ऐतिहासिक थी.
सदन को चलने दे विपक्ष
बीजेपी संसदीय दल की बैठक खत्म होने के बाद संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने बताया कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बैठक में जीएसटी की तारीफ की और उससे होने वाले फायदों को गिनाया. अनंत कुमार ने कहा कि अभी तक 75 लाख जीएसटी से जुड़ गए हैं, आने वाले दिनों में 1 करोड़ लोग और भी जुड़ेंगे. GST के बाद इंस्पेक्टर राज पूरी तरह से खत्म होगा. उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि विपक्ष सदन चलने देगा, सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है.
मंगलवार को राज्यसभा में बहस के दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने नाराज होकर अपना इस्तीफा दे दिया. मायावती राज्यसभा में अपनी बात पूरी ना किए जाने से नाराज थी. मायावती की राज्यसभा के उपसभापति पी.जे. कुरियन से तीखी बहस हुई, जिसके बाद वे राज्यसभा से बाहर चली गई थी. कांग्रेस ने भी उनके समर्थन में वॉकआउट किया था.
अपने बेटे को लेकर सियासी उठापटक में उलझे आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मायावती को राज्यसभा भेजने का ऑफर दिया है. लालू यादव ने कहा कि मायावती सदन में दलितों की आवाज उठा रही थीं, लेकिन बीजेपी के सदस्यों ने उन्हें बोलने नहीं दिया. लालू ने कहा इस बात में कोई शक नहीं कि मायावती देश की दलित नेता हैं और उन्हें सदन में दलितों की बात नहीं रखने दी गई. उन्होंने कहा अगर मायावती सहमत होती हैं तो वो अपनी पार्टी के कोटे से उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाने के लिए तैयार हैं.
अभी मंजूर नहीं हुआ इस्तीफा
हालांकि, अभी तक मायावती का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है. जिसकी एक वजह ये भी कि उन्होंने तीन पन्नों का त्यागपत्र सौंपा है, जो नियमों के खिलाफ है. ऐसे में फिलहाल उनका इस्तीफा मंजूर होना मुमकिन नहीं है.