करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से पति की आयु लंबी होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कुंवारी लड़कियां भी इस व्रत को रखती हैं और कहा जाता है कि विधि-विधान से इस व्रत को करने से मनवांछित जीवनसाथी मिलता है। इस दिन महिलाएं दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद की पूजा के बाद पति के हाथों पानी पीकर अपना उपवास तोड़ती हैं। जानें शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और चंद्रोदय का समय…पूजन विधि
नारदपुराण के अनुसार महिलाएं वस्त्र भूषणों से विभूषित हो सांयकाल में भगवान शिव-पार्वती, स्वामी कर्तिकेय,गणेश एवं चंद्रमा का विधिपूर्वक पूजन करते हुए नैवेद्य अर्पित करें। अर्पण के समय यह कहना चाहिए कि ”भगवान कपर्दी गणेश मुझ पर प्रसन्न हों।”और रात्रि के समय चंद्रमा का दर्शन करके यह मंत्र पढते हुए अर्घ्य दें, मंत्र है- ”सौम्यरूप महाभाग मंत्रराज द्विजोत्तम, मम पूर्वकृतं पापं औषधीश क्षमस्व मे।” अर्थात हे! मन को शीतलता पहुंचाने वाले, सौम्य स्वभाव वाले ब्राह्मणों में श्रेष्ठ, सभी मंत्रों एवं औषधियों के स्वामी चंद्रमा मेरे द्वारा पूर्व के जन्मों में किए गए पापों को क्षमा करें। मेरे परिवार में सुख शांति का वास रहे। मां पार्वती उन सभी महिलाओं को सदा सुहागन होने का वरदान देती हैं, जो पूर्णतः समर्पण और श्रद्धा विश्वास के साथ यह व्रत करती हैं। पति को भी चाहिए कि पत्नी को लक्ष्मी स्वरूपा मानकर उनका आदर-सम्मान करें क्योंकि एक दूसरे के लिए प्यार और समर्पण भाव के बिना यह व्रत अधूरा है।
करवा चौथ पूजा शुभ मुहूर्त – 17 अक्टूबर 2019
शाम- 5 बजकर 50 मिनट से 6 बजकर 58 मिनट तक
पूजा सामग्री
करवा माता की तस्वीर
सींक
करवा
छलनी
दीपक
फल
फूल
सुहाग का सामान
जल
मिठाई
Karwa Chauth 2019: जानिए करवा चौथ का शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री
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