सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई, न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय/कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा शनिवार को उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के नवनिर्मित कार्यालय भवन 4/7 गोमती नगर विस्तार, लखनऊ का उद्घाटन शिलापट्ट का अनावरण करके एवं फीता काटकर किया गया। तदोपरान्त कारागार मुख्यालय द्वारा प्रदर्शित एक जेल एक प्रोडक्ट के स्टाल का निरीक्षण करते हुंए कारागार द्वारा बन्दियों के पुनर्वास हेतु किये जा रहे कार्यक्रमों की सराहना की गयी। इस अवसर पर नवनिर्मित भवन के प्रागंण में वृक्षारोपण भी किया गया।
तदोपरान्त न्यायमूर्ति महोदय द्वारा उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, गोमतीनगर लखनऊ में आयोजित एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति श्री विक्रम नाथ, न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय, न्यायमूर्ति अरूण भंसाली, मुख्य न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय/मुख्य संरक्षक, उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, वरिष्ठ न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय/कार्यपालक अध्यक्ष, उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा, न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय/अध्यक्ष उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, इलाहाबाद, न्यायमूर्ति ए0आर0 मसूदी, वरिष्ठ न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय खण्डपीठ लखनऊ/अध्यक्ष उच्च न्यायालय विधिक सेवा उपसमिति, लखनऊ तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय एवं लखनऊ खण्डपीठ के न्यायमूर्तिगण भी उपस्थित रहे।
साथ ही निदेशक, न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, प्रमुख सचिव न्याय, संजय सिंह-प्रथम, सदस्य सचिव उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, न्यायिक अधिकारीगण, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निदेशक नायक समरेन्द्र पी0 उपस्थित रहे। एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यक्रम में समस्त सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, नवनियुक्त प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सिविल जज, प्रदेश के समस्त जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला प्रोबेशन अधिकारी, लखनऊ के निकटस्थ जनपदों के चीफ एवं डिप्टी लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल, मध्यस्थ, पैनल अधिवक्ता, पराविधिक स्वयं सेवक तथा लॉ कालेज एवं विश्वविद्यालय के छात्र/छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, कार्यपालक अध्यक्ष उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अपने स्वागत सम्बोधन में मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई, न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय/कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्तिगण तथा समस्त उपस्थित अतिथियों का अभिवादन किया गया तथा राज्य प्राधिकरण की उपलब्धियों के बारे में अवगत कराते हुए बताया गया कि विगत वर्षो में राज्य प्राधिकरण ने विधिक सेवा के समस्त आयामों में सत्त प्रगति की है और लोक अदालतों में सर्वाधिक वादों का निस्तारण कराकर लोगों को लाभ दिलाया गया। न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा द्वारा गुणवत्तापरक विधिक सहायता प्रदान किये जाने पर विशेष बल दिया गया। न्यायमूर्ति अरूण भंसाली, मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा बन्दियों को मानवीय गरिमा के अनुसार उन्हें समस्त अधिकार उपलब्ध कराये जाने पर बल दिया गया तथा लीगल एड डिफेंस काउन्सिल सिस्टम को समस्त प्रदेश के 74 जिलों में लागू किये जाने की प्रशंसा की गयी।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जनपद स्तर पर गठित अन्डर ट्रायल रिब्यू कमेटी तथा बाल अपचारियों को आत्मनिर्भर बनाने पर विशेष बल दिया गया।
न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई, न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय/कार्यपालक अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के नवीन भवन के उद्घाटन पर हर्ष व्यक्त किया गया तथा राज्य प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में राज्य सरकार व अन्य विभागों के समन्वय से मुकदमों के किये जा रहे निस्तारण एवं विधिक सेवा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो की भरपूर प्रशंसा की गयी। मुख्य अतिथि द्वारा विधिक सेवा को अधिक सुदृढ़ किये जाने और राष्ट्रीय अन्तरफलक बनाये जाने के संबंध में विचार व्यक्त किये गये।
अन्त में न्यायमूर्ति ए0आर0 मसूदी, वरिष्ठ न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय लखनऊ खण्डपीठ द्वारा सभी अतिथियों का उक्त कार्यक्रम में प्रतिभाग करने हेतु आभार व्यक्त किया गया।
उद्घाटन सत्र के उपरान्त बन्दियों को प्रदत्त विधिक सहायता एवं विविध कानूनों पर पी0एन0 पाण्डेय, डी0आई0जी0 (कारागार) एवं वरिष्ठ अधीक्षक केन्द्रीय कारागार फतेहगढ़ अशीष तिवारी द्वारा प्रतिभागियों को सम्बोधित किया गया एवं प्रो0 ओंकार नाथ तिवारी, इंस्टीट्यूट आफ लीगल स्टडीज एण्ड रिसर्च, जी0एल0ए0 यूनिवर्सिटी मथुरा द्वारा बालकों के अधिकार के संदर्भ में किशोन न्याय अधिनियम, पाक्सों अधिनियम, विधिक सेवा संस्थानों की भूमिका इत्यादि पर व्याख्यान दिया गया। तकनीकी सत्र परस्पर संवादात्मक रहे और समस्त प्रतिभागी लाभान्वित हुए।
कार्यक्रम में डी0आई0जी प्रिजन्स डॉ0 राम धनी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती शिखा श्रीवास्तव, अपर निदेशक एवं निशान्त देव, अपर निदेशक, न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान गोमतीनगर, लखनऊ द्वारा किया गया।