कर्नाटक: कर्नाटक में सियासी ड्रामा के बीच जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक दूसरे पर विधायक तोड़ने का आरोप लगा रही हैं. इसी बीच सीएम एचडी कुमारस्वामी की पार्टी जेडीएस के एक विधायक ने दावा किया है कि उनकी पार्टी के एक आदमी को भाजपा ने कथित तौर पर 60 करोड़ रुपए और मंत्री पद का ऑफर दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. कर्नाटक के हस्सान में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जेडीएस विधायक केएम शिवलिंगे गौड़ा ने कहा, ‘जेडीएस के एक व्यक्ति को पूर्व सीएम और भाजपा नेता जगदीश शेट्टार ने 60 करोड़ रुपए और मंत्री पद का ऑफर दिया था. उन्होंने वह ऑफर ठुकरा दिया और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को इसकी जानकारी दी.’
कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप और बढ़ गया. दोनों ही खेमे अपने विधायकों को एकजुट रखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. सत्तारूढ गठबंधन में शामिल दलों ने भाजपा पर सरकार गिराने का कथित रूप से प्रयास करने का आरोप लगाया है जबकि भाजपा के विधायक खरीद फरोख्त के प्रयासों के डर से गुरूग्राम के एक रिसॉर्ट में बने हुए हैं. राज्य के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि स्थिति ‘नियंत्रण’ में है और चिंता की कोई बात नहीं है. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, पार्टी के कुछ मंत्रियों ने व्यापक हित में तथा अटूट गठबंधन बनाए रखने के लिए इस्तीफे की पेशकश की है. पार्टी नेतृत्व इस विकल्प पर भी विचार कर रहा है. अभी यह पता नहीं चला है कि भाजपा के 104 विधायक रिसॉर्ट में कब तक रहेंगे. ये विधायक पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने दिल्ली गए थे,
लेकिन अब गुरूग्राम में मौजूद हैं. इस बीच, सूत्रों ने कहा कि भाजपा के कर्नाटक इकाई प्रमुख बी एस येदियुरप्पा रिसॉर्ट में पार्टी विधायकों से मुलाकात करके राज्य की वर्तमान स्थिति पर चर्चा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक पार्टी के शीर्ष नेताओं से कर्नाटक लौटने की हरी झंडी मिलने तक गुरूग्राम में ही रूकेंगे. हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के महासचिव प्रदीप सिंह के नेतृत्व में करीब 20 युवा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने रिसॉर्ट के बाहर राजग सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शन करने वालों ने आरोप लगाया कि भाजपा देश में ‘‘संविधान का अपमान कर रही है और लोकतंत्र की हत्या” कर रही है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने बेंगलुरू में सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा भाजपा विधायकों की खरीद फरोख्त के किसी ‘अभियान’ से इंकार करते हुए कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है और उनके पास पर्याप्त संख्याबल है.
कुमारस्वामी ने कहा, ‘सबकुछ नियंत्रण में है… चिंता की बात नहीं है.’ कुमारस्वामी से पूछा गया था कि क्या सत्तारूढ गठबंधन भी भाजपा के विधायकों को रिझाने के लिए अभियान चलाएगी. कुमारस्वामी सरकार को मंगलवार को उस समय झटका लगा था जब दो निर्दलीय विधायकों ने उससे समर्थन वापस ले लिया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा से पूछना चाहते हैं कि उनकी पार्टी के विधायकों को मकर संक्रांति मनाने के लिए ले जाया गया है या किसी अन्य कारण से. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मीडिया में आई खबरों के विपरीत उनकी पार्टी के विधायकों को किसी रिसॉर्ट में नहीं ले जाया जा रहा है.उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी को रिसॉर्ट में लेकर नहीं जा रहे हैं, इसकी कोई जरूरत नहीं है. इसलिए मैं मीडिया से खुद को तथा राज्य की जनता को बेवकूफ नहीं बनाने का अनुरोध करता हूं.’