Janmashtami 2019 जन्माष्टमी पर भगवान श्री कृष्ण और माता यशोदा के प्रेम को भी दिखाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण अपनी माता से अत्याधिक प्रेम करते थे। इसलिए उन्होंने अपनी माता को ब्रह्मांड के दर्शन भी कराए थे। जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण के भक्तों के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण पर्व होता है। इस साल यह पर्व 2019 में 24 अगस्त 2019 के दिन मनाया जाएगा। लोग इस दिन भगवान श्री कृष्ण के दर्शनों के लिए मंदिरों की लंबी- लंबी कतारों में लगते हैं ताकि वह अपने अराध्य भगवान के दर्शन कर सकें। तो आइए जानते हैं कैसे कराए श्री कृष्ण ने यशोदा मां को पूरे ब्राह्मांड के दर्शन
भगवान श्री कृष्ण ने अपने बचपन में अनेकों लीलाएं की है। इन्हीं लीलाओं में से एक लीला है ब्राह्मांड लीला। एक बार भगवान श्री कृष्ण अपने मित्रों के साथ खेल रहे थे। अचानक ही भगवान श्री कृष्ण ने जमीन पर पड़ी मिट्टी को उठाकर खा लिया। भगवान श्री कृष्ण को मिट्टी खाते हुए बलराम ने देख लिया।
बलराम ने तुरंत ही यह बात माता यशोदा को बता दी। माता यशोदा तुरंत ही बाहर आई और भगवान श्री कृष्ण को डांटने लगी और पूछने लगीं की कान्हा क्या तूने मिट्टी खाई है। इस पर भगवान श्री कृष्ण ने बहुत ही मासूमियत से माता यशोदा को उत्तर दिया कि नहीं माता मैने मिट्टी नहीं खाई
यह सुनकर माता यशोदा फिर से भगवान कृष्ण को डांटने लगी और बोलने लगी कि सच बोल तूने मिट्टी खाई की नहीं। भगवान श्री कृष्ण ने फिर से अपनी बात और दोहराई और कहा कि माता मैंने मिट्टी नहीं खाई है। यह सब झूठ बोल रहे हैं। यह बात सुनकर तो माता यशोदा को अत्यंत क्रोध आ गया और उन्होंने भगवान श्री कृष्ण से अपना मुखं खोलने के लिए कहा। भगवान श्री कृष्ण ने अपनी माता की आज्ञा पाकर तुरंत ही भगवान श्री कृष्ण ने अपना मुख धीरे- धीरे खोलना शुरु कर दिया। मुंह खोलते ही माता यशोदा आश्चर्यचकित रह गई।
क्योंकि भगवान श्री कृष्ण के मुहं में मिट्टी नहीं बल्कि पूरा ब्राह्मांड दिखाई दे रहा था। माता यशोदा को भगवान श्री कृष्ण के मुंख में मिट्टी तो नहीं दिखाई दी। लेकिन उन्होंने पूरे ब्राह्मांड के दर्शन कर लिए थे। माता यशोदा को यह सब देखकर विश्वास नहीं हो रहा था कि उनकी आंखे क्या देख रही हैं। क्या वह सच देख रही हैं। एक छोटे से बालक के मुंह में पूरा ब्राह्मांड कैसे समा सकता है। माता यशोदा को न केवल पूरा ब्राह्मांड दिखाई दे रहा था। बल्कि पूरे संसार में होने वाली घटनाएं भी दिखाई दे रही थी। माता यशोदा इस अद्भूत नजारें को ज्यादा देर तक देख न सकीं और बेहोश हो गई। माता यशोदा के साथ इस अद्भूत नजारे को बलराम और उनके मित्रों ने भी देखा था। जब माता यशोदा होश में आई तो उन्होंने तुंरत ही भगवान श्री कृष्ण को गले से लगा लिया। क्योंकि माता यशोदा को भगवान श्री कृष्ण के मुंह में मिट्टी का एक भी कण नहीं मिला था। इसके बाद माता यशोदा को यह यकीन हो गया था कि भगवान श्री कृष्ण कोई साधारण बालक नहीं है। बल्कि कोई बालक है।