एरॉन फिंच की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम जब भारत आई थी तब किसी ने नहीं सोचा था कि वह मेजबान टीम को टक्कर दे पाएगी. आस्ट्रेलिया ने भारतीय जमीन पर कदम रखने के बाद सभी धारणाओं को खारिज किया और इस पांच मैचों की सीरीज 0-2 से पिछड़ने के बाद 2-2 से बराबरी पर ला दी. सीरीज का पांचवां और निर्णायक मैच दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेला जा रहा है. इस मैच में जो भी टीम जीतेगी, सीरीज पर उसकी का कब्जा होगा. पांच बार की विश्व विजेता ऑस्ट्रेलिया सीरीज के शुरुआती दो मैच हार चुकी थी लेकिन उसने दमदार वापसी करते हुए लगातार दो मैच जीते और भारत को उस स्थिति में पहुंचा दिया जिसकी उम्मीद उसने अपने घर में शायद नहीं की होगी.
कुल मिलाकर वर्ल्ड कप से पहले यह युवाओं के पास सेलेक्टरों को प्रभावित करने का आखिरी मौका है. ओस इस मैच में अहम भूमिका निभा सकती है.मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का निर्णय लिया है. 8 ओवर के बाद ऑस्ट्रेलिया का स्कोर बिना विकेट खोए 46 रन है. उस्मान ख्वाजा 31 और कप्तान एरॉन फिंच 15 रन बनाकर क्रीज पर हैं. टॉस जीतकर पहले बैटिंग के लिए उतरी ऑस्ट्रेलिया को उस्मान ख्वाजा और एरॉन फिंच की जोड़ी ने तेज शुरुआत दी. पहले छह ओवर में ही स्कोर बिना विकेट खोए 38 रन तक पहुंच गया था. इस दौरान ख्वाजा ज्यादा आक्रमण तेवर अपनाए हुए थे. भुवनेश्वर की ओर से फेंके गए पारी के पहले ओवर में ख्वाजा ने चौका लगाकर टीम का खाता खोला.
दूसरे छोर से आए शमी के ओवर में भी उनके चौके सहित 5 रन बने. भुवी के तीसरे ओवर में फिंच और ख्वाजा ने एक-एक चौके सहित 10 रन जोड़े.पांच ओवर के बाद स्कोर बिना विकेट खोए 30 रन था. दोनों गेंदबाजों के असरदार साबित होते न देखकर कप्तान विराट कोहली सातवें ओवर में अपने ट्रंप कार्ड जसप्रीत बुमराह को बॉलिंग के लिए लेकर आए.ओवर में तीन रन बने. इससे पहले, भारतीय टीम ने दो बदलाव करते हुए युजवेंद्र चहल और केएल राहुल को टीम से बाहर रखा, इनके स्थान पर रवींद्र जडेजा और शमी को टीम में जगह दी गई है.
दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलिया ने शॉन मॉर्श और जेसन बेहरनडोर्फ को टीम में जगह नहीं दी. इनकी जगह मार्कस स्टोइरिस और नाथन लियोन ने ली.भारत के पास पहले दो मैच जीतने के बाद प्रयोग करने का मौका था लेकिन इसके बाद उसने अगले दोनों मैच गंवा दिए, जिससे पांचवां मैच निर्णायक बन गया है, ऐसे में विराट कोहली एवं टीम का मुख्य लक्ष्य सीरीज जीतना बन गया है क्योंकि वह पिछले तीन वर्षों के अपने शानदार रिकॉर्ड को बरकरार रखने की कोशिश करेगी, भारत ने पिछले तीन वर्ष में जो 13 द्विपक्षीय सीरीज खेली हैं उनमें से 12 में जीत दर्ज की है. मोहाली में 359 रन का विशाल लक्ष्य हासिल करके रिकार्ड बनाने वाला ऑस्ट्रेलिया अब पहले दो मैच गंवाने के बाद पांच मैचों की सीरीज जीतने वाली टीमों की विशिष्ट श्रेणी में शामिल होना चाहेगा.
रांची और विशेषकर मोहाली की जीत से उसका मनोबल बढ़ा होगा, लेकिन कोटला के स्पिनरों के लिए अनुकूल माने जाने वाली पिच पर उसके बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा होगी.सीरीज से पहले लग रहा था कि भारत की विश्व कप टीम के 13 स्थान पक्के हैं और अब केवल दूसरे सलामी बल्लेबाज और एक गेंदबाज का स्थान तय करना है, लेकिन अंबाती रायडू की नाकामी, ऋषभ पंत का विकेटों के पीछे का लचरपन, केएल राहुल में निरंतरता का अभाव और युजवेंद्र चहल की क्षीण पड़ती मारक क्षमता ने टीम प्रबंधन के लिए चिंता बढ़ा दी है. कोहली पिछले मैच में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे थे लेकिन निर्णायक मैच की नजाकत को देखते हुए वह अपने घरेलू मैदान पर तीसरे नंबर पर ही उतर सकते हैं.
शिखर धवन का फार्म में लौटना भारत के लिए अच्छी खबर है. वैसे धवन को लेकर टीम प्रबंधन पहले भी चिंतित नहीं था. अपने घरेलू मैदान पर अब तक केवल एक बार (टी20, बनाम न्यूजीलैंड 2017) में अपने बल्ले का कमाल दिखाने वाले धवन मोहाली की फॉर्म यहां बरकरार रखना चाहेगा. दिल्ली के दर्शकों को कोहली से भी बड़ी पारी की उम्मीद रहेगी जिन्होंने कोटला पर वनडे और टेस्ट में एक एक शतक लगाया है. इस मैदान पर अब तक दोनों टीमों के बीच चार मैच खेले गए हैं. इसमें से भारत ने तीन में जीत दर्ज की है. ऑस्ट्रेलिया ने एकमात्र जीत 1998 में हासिल की थी. मौसम विभाग ने बुधवार को हल्की बारिश की भविष्यवाणी की. अगर आसमान साफ रहता है तो ओस अपनी भूमिका निभा सकती है. ये दोनों कारक टीम संयोजन को प्रभावित कर सकते हैं.
दोनों टीमें इस प्रकार हैं..
भारत: विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, शिखर धवन, ऋषभ पंत, केदार जाधव, विजय शंकर, रवींद्र जडेजा, भुवनेश्वर कुमार, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह.
ऑस्ट्रेलिया: एरॉन फिंच (कप्तान), उस्मान ख्वाजा, पीटर हैंड्सकोंब, मार्कस स्टोइनिस, ग्लेन मैक्सवेल, एश्टन टर्नर, एलेक्स कैरी, जे. रिचर्डसन, पैट कमिंस, एडम जंपा और नाथन लियोन.