
सूर्योदय भारत समाचार सेवा : अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ़ वॉर जारी है. इस बीच अमेरिका ने चीनी जहाज़ों पर पोर्ट फीस लगाने की योजना बनाई है.
अमेरिका ने ये योजना इसलिए बनाई है ताकि वो अपने देश में जहाज़ निर्माण को फिर से शुरू कर सके और इस क्षेत्र में चीन की बढ़त को चुनौती दी जा सके.
अक्तूबर महीने के मध्य से चीनी जहाज़ मालिकों और संचालकों से प्रति टन माल पर 50 डॉलर का शुल्क लिया जाएगा. साथ ही अगले तीन सालों तक यह शुल्क हर साल बढ़ता रहेगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ़ नीतियों के बाद ऐसी चिंताएं थीं कि ये उपाय वैश्विक व्यापार को और बाधित करेंगे, लेकिन यह फीस मूल रूप से सुझाए गए फीस से कम गंभीर है.
अमेरिका की ओर से लगाए गए फीस पर चीन के विदेश मंत्रालय ने भी प्रतिक्रिया दी है.
विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि फीस से अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए क़ीमत बढ़ेगी और “इससे अमेरिकी जहाज़ निर्माण उद्योग को कोई बढ़ावा नहीं मिलेगा.”