नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. भारतीय वायुसेना (IAF) की पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक को लेकर चिदंबरम ने एक ट्वीट किया. इस ट्वीट में उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा है, ‘भारतीय वायुसेना को उसकी बहादुरी के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सबसे पहले सलाम किया. फिर पीएम मोदी कैसे भूल गए?’ बता दें, चिदंबरम ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं भाजपा के कई अन्य नेताओं ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकाने पर वायुसेना द्वारा की गई कार्रवाई का श्रेय लेने की कोशिश की है.
चिदंबरम ने एक समारोह में यह भी कहा कि मोदी सरकार के ‘बाहुबल वाले’ और ‘सैन्यवादी’ रुख के कारण कश्मीर घाटी में संकट की स्थिति है. उन्होंने कहा कि वायुसेना का ताल्लुक भाजपा से नहीं, बल्कि देश से है. परंतु प्रधानमंत्री और भाजपा के अन्य नेताओं ने वायुसेना की कार्रवाई का श्रेय लेने का प्रयास किया. उन्होंने इस धारणा को भी खारिज किया कि पाकिस्तान को लेकर पूर्व की यूपीए सरकार का रुख नरम रहा है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘हम जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं. हम चाहते हैं कि सरकार जो भी उचित समझती है वो कदम उठाए. सिर्फ सत्ताधारी दल के नेता ऐसे बयान दे रहे हैं जो राजनीतिक हैं. राजनाथ सिंह, अमित शाह और बीएस येदियुरप्पा ने राजनीतिक बयान दिए. इस पर मीडिया सवाल नहीं कर रहा है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या आगामी चुनाव में पुलवामा हमला और वायुसेना की कार्रवाई मुद्दा होगा तो चिदंबरम ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि यह चुनाव में बड़ा मुद्दा होगा या नहीं. लेकिन देश में और भी बड़े मुद्दे हैं.
अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति, नौकरियों का संकट, किसानों की दुर्दशा, वित्तीय घाटा तथा कई ऐसे मुद्दे हैं जो इस चुनाव में बड़े मुद्दे होंगे.’इसके साथ ही भारत-पाक तनाव की पृष्ठभूमि में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान के साथ तनाव को कम करने और कश्मीरियों के बीच भरोसा पैदा करने की रणनीति पर काम करना चाहिए. यह पूछे जाने पर कि वह प्रधानमंत्री को फिलहाल क्या सलाह देंगे तो कांग्रेस नेता ने कहा, ‘सरकार को पूरा हक है कि वह अपने पास उपलब्ध सूचना के आधार पर कार्रवाई करे. वायुसेना ने कार्रवाई की और पूरा देश एकजुट रहा. मोदी जी, अपने मंत्रिमंडल या रजनीतिक दलों से बातचीत करके ऐसी रणनीति अपनाएं कि पाकिस्तान के साथ तनाव कम हो और कश्मीर के लोगों को फिर से भरोसा हो कि उनके हितों की रक्षा की जाएगी.’