लखनऊ/ नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में आज जीएसटी काउंसिल की 29वीं बैठक होगी. इस बैठक में छोटे कारोबारियों के हित में कई बड़े फैसले हो सकते हैं. इसके अलावा डिजिटल पेमेंट पर कैशबैक को लेकर भी फैसला संभव है. वहीं बैठक के दौरान पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर चर्चा संभव है. हालांकि बिहार के उपमुख्यमंत्री और जीएसटी परिषद के सदस्य सुशील मोदी ने इस पर कहा है कि सरकार पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत लाने पर तभी विचार करेगी, जब रेवेन्यू का मासिक लक्ष्य 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगा. लेकिन जुलाई में जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी के बाद चर्चा की उम्मीद बढ़ गई है.
बता दें कि जुलाई महीने में जीएसटी कलेक्शन जून के मुकाबले बढ़ा है. हाल ही में सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में 96,483 करोड़ रुपये का टैक्स जीएसटी के तहत आया है. पिछले महीने यह 95,610 करोड़ रुपये रहा था. जीएसटी कलेक्शन में केंद्रीय जीएसटी की हिस्सेदारी 15,877 करोड़ है. वहीं, राज्य जीएसटी की बात करें तो यह कुल 22,293 करोड़ रुपये इस महीने रहा है.
इंटीग्रेटेड जीएसटी 49,951 करोड़ रुपये रहा और सेस से सरकार को 8,362 करोड़ रुपये मिले. इसमें 794 करोड़ आयात से हासिल सेस शामिल है. इस तरह जीएसटी रेवेन्यू टारगेट एक लाख करोड़ के करीब पहुंच रहा है. वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में सरकार ने हर महीने जीएसटी कलेक्शन के 1.15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा था.
इन मुद्दों के अलावा अडवांस पेमेंट पर जीएसटी की दरें लगाने पर विचार संभव है. वहीं सर्विसेज को कंपोजिशन स्कीम के तहत लाया जा सकता है. जबकि जॉबवर्क पर सबसे कम 5 फीसदी का टैक्स स्लैब लगाने पर विचार भी होने की संभावना है. इसके अलावा बिस्किट, चावल, बर्तन, भुना चना, दलिया पर जीएसटी की दर कम करने पर भी फैसला आ सकता है. बता दें कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की यह दूसरी बैठक है.
इससे पहले जीएसटी काउंसिल की 28वीं बैठक में कई मुद्दों पर फैसले लिए गए थे. बैठक में सबसे बड़ा फैसला सैनेटरी नैपकिन को लेकर लिया गया था. 12 फीसदी के जीएसटी स्लैब में रखे गए सैनेटरी नैपकिन को टैक्स फ्री कर दिया गया. वहीं घरेलू उपयोग के 17 आइटम्स को 28 फीसदी जीएसटी स्लैब से हटा दिया गया था. इनमें वॉशिंग मशीन, फ्रिज, टीवी (सिर्फ 25 इंच तक), वीडियो गेम, वैक्यूम क्लीनर, ट्रेलर, जूस मिक्सर, ग्राइंडर, शावर एंड हेयर ड्रायर, वॉटर कूलर, लीथियन आयन बैट्री, इलेक्ट्रॉनिक आयरन (प्रेस) जैसे आइटम्स शामिल हैं.
इस बैठक में जीएसटी काउंसिल ने कारोबारियों के लिए भी बड़ा फैसला लिया था. इसके मुताबिक अब 5 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाले ट्रेडर्स को हर महीने रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी. काउंसिल ने उनके लिए तिमाही रिटर्न भरने को मंजूरी दे दी है. हालांकि टैक्स पेमेंट मंथली होगी. इससे करीब 93 फीसदी कारोबारियों को राहत होगी. वहीं काउंसिल ने कारोबारियों के लिए रिटर्न फाइलिंग के प्रोसेस को और सरल कर दिया. हालांकि पहले भी रिटर्न फाइलिंग की प्रोसेस में सुधार किया गया था लेकिन इसके बावजूद कारोबारियों की शिकायतें आ रही थीं.