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Gayatri Jayanti: गायत्री महामंत्र एक चमत्कारी और फायदेमंद मंत्र है, जानिए कैसे करना चाहिए जाप

13 जून को गायत्री जयंती है। गायत्री मंत्र को वेदों में बड़ा ही चमत्कारी और फायदेमंद मंत्र बताया गया है। चारों वेदों में गायत्री मंत्र का उल्लेख किया गया है। इस मंत्र के ऋषि विश्वामित्र हैं और देवता सविता हैं। माना जाता है कि इस मंत्र में इतनी शक्ति है कि जो व्यक्ति नियमित रूप से तीन बार इस महा मंत्र का जप करता है उसके आस-पास की सारी नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं। गायत्री मंत्र का जप करने से कई तरह के लाभ मिलते हैं। नियमित 108 बार गायत्री मंत्र का जप करने से बुद्धि प्रखर होती है और किसी भी विषय को लंबे समय तक याद रखने की क्षमता बढ़ जाती है।गायत्री मंत्र – ‘ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।’
इस महामंत्र का अर्थ- ‘उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।’ यानी इस मंत्र के जप से बौद्धिक क्षमता और मेधा शक्ति यानी स्मरण की क्षमता बढ़ती है। इससे व्यक्ति का तेज बढ़ता है साथ ही दुःखों से छूटने का रास्ता मिलता है।
गायत्री मंत्र जप करते हुए रखें ये सावधानी
1- गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय से दो घंटे पहले और सूर्यास्त से एक घंटे बाद तक किया जा जाना चाहिए।
2- गायत्री मंत्र का जाप रात के समय नहीं करना चाहिए। रात में गायत्री मंत्र का जप लाभकारी नहीं माना गया है।
3- इस महामंत्र को धैर्य के साथ ध्यान लगाकर ही पढ़ना चाहिए।
4- आसान पर बैठकर ही गायत्री मंत्र का जप लाभकारी होता है।
5- गायत्री मंत्र के जप में तुलसी और चंदन की माला का प्रयोग करना चाहिए।

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