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पीएम मित्र योजना से लखनऊ-हरदोई सीमा पर 1,000 एकड़ में मेगा टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क की स्थापना

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : लखनऊ में शनिवार को आयोजित निवेशक सम्मेलन ने उत्तर प्रदेश को देश के अग्रणी टेक्सटाइल हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया। यह सम्मेलन भारत सरकार की पीएम मित्र योजना के तहत लखनऊ और हरदोई की सीमा पर 1,000 एकड़ में प्रस्तावित मेगा टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क के लिए आयोजित किया गया था। कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। उन्होंने अपने संबोधन में राज्य को वैश्विक टेक्सटाइल हब बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई। इस अवसर पर एम.एस.एम.ई., खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के अपर सचिव रोहित कंसल, और केंद्र व राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा वस्त्र उद्योग के प्रतिनिधि मौजूद थे।

मंत्री राकेश सचान ने अपने संबोधन में इस परियोजना की खासियत बताई। उन्होंने कहा कि यह पार्क देश का एकमात्र ऐसा पीएम मित्र पार्क है जो किसी राज्य की राजधानी जिले में स्थित है। इसका मुख्य प्रवेश द्वार मलिहाबाद तहसील के माल ब्लॉक के अटारी गांव में होगा। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है और यहां कुशल व अर्द्धकुशल श्रमिकों की भरमार है। पार्क की स्थिति इसे सड़क, रेल और हवाई मार्ग से देश के प्रमुख शहरों से जोड़ती है। यह मलिहाबाद रेलवे स्टेशन से 16 किलोमीटर, लखनऊ रेलवे स्टेशन से 40 किलोमीटर और लखनऊ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 45 किलोमीटर की दूरी पर है। साथ ही, चार-लेन लखनऊ-सीतापुर नेशनल हाइवे, चार-लेन लखनऊ-हरदोई स्टेट हाइवे और छह-लेन आउटर रिंग रोड 20 किलोमीटर के दायरे में हैं। इन सड़कों को पार्क से जोड़ने के लिए एक चार-लेन कनेक्टिंग रोड का निर्माण भी चल रहा है।

इस टेक्सटाइल पार्क में स्थापित होने वाली इकाइयों को उत्तर प्रदेश वस्त्र एवं गारमेंटिंग नीति-2022 के तहत कई लाभ मिलेंगे। इसमें 25% भूमि लागत अनुदान, प्रति यूनिट 2 रुपये की दर से बिजली सब्सिडी और स्टाम्प ड्यूटी में 100% छूट शामिल है। इसके अलावा, केंद्र सरकार “पहले आओ, पहले पाओ” के आधार पर कुल बिक्री का 3% प्रोत्साहन राशि देगी। नीति के तहत अन्य सुविधाओं में प्लांट और मशीनरी पर 25% पूंजीगत सब्सिडी (पूर्वांचल और बुंदेलखंड में 10% अतिरिक्त), बैंक ऋण पर 60% ब्याज सब्सिडी और बुनियादी ढांचे के लिए 50% परियोजना लागत तक की सहायता शामिल है। नई इकाइयों को 10 साल तक इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी से 100% छूट और मेगा व सुपर मेगा गारमेंटिंग इकाइयों को प्रति श्रमिक 3,200 रुपये प्रति माह की रोजगार सृजन सहायता भी दी जाएगी।

निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए ठोस कदम उठाए गए। उ०प्र० हैण्डलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल एवं गारमेंटिंग पॉलिसी-2017 के तहत 80 निवेशकों को 210 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। उ०प्र० टेक्सटाइल एवं गारमेंटिंग पॉलिसी-2022 के तहत 44 निवेशकों को 768 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लिए लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी किए गए, जबकि दो निवेशकों को 8 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई। पहले से हस्ताक्षरित 80 समझौता ज्ञापनों (MoUs) में 4,200 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है। इस बार दो नए MoUs पर हस्ताक्षर हुए, जिनमें आर.आर. जैन इंडस्ट्रीज और ओखला गारमेंट एंड टेक्सटाइल क्लस्टर ने 700 करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया।

नोएडा अपैरल एक्सपोर्ट क्लस्टर के अध्यक्ष ललित ठुकराल और जियोसिस इंडिया के प्रबंध निदेशक राजीव अग्रवाल ने अपने अनुभव साझा किए। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने वस्त्र उद्योग के भविष्य के लिए सरकार की रणनीति बताई। सीआईआई यूपी स्टेट काउंसिल की अध्यक्ष डॉ. उपासना अरोड़ा ने स्वागत भाषण दिया और दो ज्ञान सत्र आयोजित हुए। पहला सत्र पीएम मित्र पार्क के रणनीतिक लाभ और दूसरा सत्र सस्टेनेबल टेक्सटाइल्स पर केंद्रित था। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को स्मृति चिन्ह दिए गए और विशेष सचिव शेष मणि पांडेय ने धन्यवाद प्रस्ताव के साथ वस्त्र क्षेत्र में सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

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