
सूर्योदय भारत समाचार सेवा : स्पेस एक्स एक निजी कंपनी है जिसकी स्थापना 23 साल पहले हुई थी. इसके वर्तमान सीइओ एलन मस्क शुरू से ही कंपनी का हिस्सा रहे हैं.
कोलोराडो बोल्डर यूनिवर्सिटी में एस्ट्रो फिज़िक्स के प्रोफ़ेसर जैक बर्न्स बताते हैं कि स्पेस एक्स की स्थापना सैटेलाइट या उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए हुई थी और अब भी यह कंपनी की आय का मुख्य ज़रिया है.
वो कहते हैं, “सभी कंपनियों की तरह स्पेस एक्स का मक़सद भी पैसे कमाना है जो कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण है. जब स्पेस एक्स की स्थापना हुई तब इस बाज़ार में प्रतिस्पर्धा कम थी. सिर्फ़ एक और कंपनी थी. वो थी यूनाइटेड लॉन्च अलायंस जो बोइंग और लॉकहीड मार्टिन की कंपनी थी और बाज़ार पर उसी का कब्ज़ा था. तब एलन मस्क ने अंतरिक्ष खोज मे लगने वाले खर्च को कम करने के तरीकों के बारे में सोचा.”
“तरीका यह था कि अपने रॉकेट का इस्तेमाल कई बार किया जाए. जैक बर्न्स बताते हैं कि रॉकेट का बूस्टर इंजन बनाने में पैसे और समय लगता है. अगर वो एक ही बार इस्तेमाल हो सके तो यह ऐसा ही है जैसे आप अपनी कार से ऑफ़िस जाएं और लौट कर कार को नष्ट कर के नई कार ख़रीदें. मगर एलन मस्क की स्पेस एक्स कंपनी ने लॉन्च इंजन को दोबारा इस्तेमाल करने की तकनीक ढूंढ निकाली.”
यह प्रक्रिया ऐसी थी कि बूस्टर इंजन से रॉकेट अलग होने के बाद इंजन दोबारा धरती पर आ जाता है. मशीनों के ज़रिए उसे हवा में ही पकड़ कर नीचे लाया जाता है. मरम्मत के बाद उसे दोबारा अगले रॉकेट लॉन्च या प्रक्षेपण के लिए इस्तेमाल किया जाता है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. मगर स्पेस एक्स ने अक्तूबर 2024 में यह कर दिखाया.