नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने ईवीएम के साथ कथित छेड़छाड़ के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने के मकसद से पूर्व प्रधानमंत्री और जद(एस) अध्यक्ष एचडी देवगौड़ा से यहां मुलाकात की. नायडू नई दिल्ली में ईवीएम के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों के साथ बैठक के बाद देर रात यहां पहुंचे थे और उन्होंने देवगौड़ा से करीब एक घंटे बात की.
नायडू ने कहा कि 23 पार्टियां इस मुद्दे को उठा रही हैं और पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग कर रही हैं. नायडू ने आरोप लगाया कि पहले, भाजपा तक ने ईवीएम का विरोध किया था. उत्तर प्रदेश में हमने ईवीएम को होटलों और घरों में देखा है… स्ट्रॉन्ग रूम बदले जा रहे हैं. विपक्ष द्वारा उठाए गए ईवीएम के मसले पर प्रधानमंत्री के रुख के बारे में पूछे जाने पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री क्यों विरोध कर रहे हैं? ईवीएम और वीवीपैट हैं. आपने 9,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं… आप पारदर्शिता और जवाबदेही क्यों नहीं दिखा रहे हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि इसका मतलब आप बदमाशी कर रहे हैं.
आप ईवीएम से छेड़छाड़ कर रहे हैं. देवगौड़ा ने कहा कि उन्होंने भी 2006 में ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने कहा कि इन जटिलताओं से बचने के लिए मत पत्रों को वापस लाना चाहिए. विपक्षी पार्टियां हमेशा से ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती रही है. वे मतपर्ची और ईवीएम के मिलान की मांग कर रही हैं और इस बाबत उन्होंने नई दिल्ली में आयोग को एक ज्ञापन सौंपा है. कांग्रेस, द्रमुक, तेदेपा और बसपा सहित 22 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने दिल्ली में चुनाव आयोग से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंप कर वोटों की गिनती से पहले औचक तरीके से चुने गए पांच मतदान केंद्रों की वीवीपैट पर्चियों का सत्यापन कराने की मांग की है.