Dussehra 2019: विजयदशमी का त्योहार अच्छाई की बुराई पर जीत के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भगवान राम ने लंका की लड़ाई में राक्षस रावण का वध किया था। इसके अलावा इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था इसलिए भी इसे विजयदशमी के रुप में मनाया जाता है।
विजयदशमी 8 अक्टूबर का शुभ मुहूर्त
विजयदशमी वर्ष के श्रेष्ठ मुहूर्त बसंत पंचमी और अक्षय तृतीया की तरह ही शुभ माना गया है विजयदशमी के दिन कोई भी अनुबंध हस्ताक्षर करना हो गृह प्रवेश करना हो नया व्यापार आरंभ उतरना हो या किसी भी तरह का लेनदेन का कार्य करना हो तो उसके लिए श्रेष्ठ फलदाई माना गया है इन तीनों मुहूर्तो में राहु काल का भी दोष नहीं होता इस दिन सर्वश्रेष्ठ अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 36 से 12 बजकर 24 तक के मध्य है। इसके मध्य किया गया कोई भी कार्य सभी कठिनाइयों से लड़ता हुआ विषम परिस्थितियों से जूझता हुआ अपने उच्चतम स्तर पर पहुंचेगा। इस दिन का दूसरा मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 24 से 2 बजकर12 तक है इस अवधि के मध्य आरंभ किया जाने वाला कोई भी कार्य सफलता दायक रहेगा।दशहरा का महत्व
– दशहरे का पर्व साल के सबसे पवित्र और शुभ दिनों में से एक माना गया है। यह तीन मुहूर्त में से एक है – साल का सबसे शुभ मुहूर्त – चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, अश्विन शुक्ल दशमी, वैशाख शुक्ल तृतीया। यह अवधि किसी भी चीज की शुरूआत करने के लिए उत्तम है।
– क्षत्रिय समाज इस दिन अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं जिसे आयुध पूजा के रूप में भी जानी जाती है। इस दिन शमी पूजन भी करते हैं।
– ब्राह्मण समाज इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करते हैं।
– वैश्य समाज अपने बहीखाते की आराधना करते हैं।
– नवरात्रि रामलीला का समापन भी दशहरे के दिन होता है।
– रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ का पुतला जलाकर भगवान राम की जीत का जश्न मनाया जाता है।
Dussehra 2019: अच्छाई की बुराई पर जीत के रूप में मनाया जाता है विजयदशमी का त्योहार, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
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