दिवाली 2018: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को दिवाली मनाई जाती है। इस साल दिवाली 7 नवंबर 2018 यानि बुधवार को है। पर क्या आप जानते हैं कि दीपावली क्यों मनाई जाती है? आखिर दीपों के पर्व, रौशनी के इस त्यौहार को मनाने की वजह की क्या वजह है? नहीं जानते तो हम आपको बताएंगे आखिर दिवाली क्यों मनाई जाती है. आमतौर पर आपने सुना होगा कि दिवाली भगवान श्रीराम के वनवास से लौटने की खुशी में मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीराम वनवास से लौटे थे तो भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है। पर दिवाली मनाने के और भी कई कारण हैं। दीपावली त्योहार को लेकर समाज में कई तरह की धारणाएं, परंपराएं प्रचलित हैं। इनमें से कुछ रिवाज और परंपराएं स्थानीय संस्कृति का हिस्सा हैं। पर आज भी लोग उन्हें मानते हैं….
दिवाली मनाने के 15 कारण
- दिवाली के दिन ही भगवान विष्णु ने राजा महाबली को पाताल लोक का स्वामी बनाया था। इसके बाद भगवान इन्द्र ने स्वर्ग को सुरक्षित देख प्रसन्नता पूर्वक दीपावली मनाई।
- इस दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह रुप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया था। इसलिए भी दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।
- दिवाली के दिन समुद्रमंथन के पश्चात लक्ष्मी व धन्वंतरि प्रकट हुए थे। दिवाली पर माता लक्ष्मी की पूजा होती है वहीं दिवाली से तीन दिन पहले धनतेरस पर धनवंतरि भगवान की।
- दिवाली दिन भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। श्रीराम के अयोध्या लौटने के कारण लोगों ने घी के दिए जलाए थे।
- दिवाली के ठीक एक दिन पहले श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था। दूसरे दिन इसी उपलक्ष्य में दीपावली मनाई जाती है।
- दिवाली के दिन ही महाकाली ने राक्षसों का वध किया था। फिर जब उनका क्रोध कम नहीं हुआ तब भगवान शिव स्वयं उनके चरणों में लेट गए। उन्हें देख महाकाली का क्रोध समाप्त हो गया। इसके बाद देवी के शांत रूप लक्ष्मी की पूजा की शुरुआत हुई। इसी रात इनके रौद्ररूप काली की पूजा का भी विधान है। यह शुभ दिवाली का ही दिन है।
- दिवाली के दिन ही भगवान महावीर स्वामी का निर्वाण दिवस भी है।
- दिवाली के दिन ही गौतम बुद्ध के अनुयायियों ने 2500 वर्ष पूर्व गौतम बुद्ध के स्वागत में लाखों दीप जलाकर दीपावली मनाई थी।
- दिवाली के दिन ही उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य का राजतिलक हुआ था। इसलिए भी दीपावली का खास महत्व है।
- दिवाली के दिन ही गुप्तवंशीय राजा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने ‘विक्रम संवत’ की स्थापना करने के लिए धर्म, गणित तथा ज्योतिष के दिग्गज विद्वानों को आमन्त्रित कर मुहूर्त निकलवाया था। तब लोगों ने दिए जलाकर खुशी मनाई थी।
- दिवाली के दिन अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। स्वर्ण मंदिर में दीपदान किया गया था।
- दिवाली ही के दिन सिक्खों के छ्टे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को कारागार से रिहा किया गया था। यह लोगों में खुशी मनाने का दिन था।
- दिवाली के दिन ही आर्यसमाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती का निर्वाण हुआ था। इसलिए भी दिवाली का खास महत्व है।
- दिवाली के दिन ही नेपाल संवत में नया वर्ष आरम्भ होता है। इसलिए दिवाली किसी एक वजह से नहीं मनाई जाती है।
- उक्त सभी कारणों से हम दीपावली का त्योहार मनाते हैं। हालांकि देशभर में लोग सिर्फ श्रीराम के अयोध्या लौटने के कारण को ही जानते हैं।दीपावली रौशनी का पर्व घरों को सुसज्जित कर, गिले-शिकवे भुला लोग खुशी मनाते हैं। अपनो और पराओं में मिठाई बांटते हैं।