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BJP सांसद ने TMC सदस्य पर लगाया अपमानजनक शब्द बोलने का आरोप

नई दिल्ली। भाजपा के एक सांसद ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में बिना किसा का नाम लिए आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस की एक सांसद ने बुधवार को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) संबंधित संसदीय समिति की बैठक में उनके लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया।

झारखंड के गोड्डा से लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे ने सदन के शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कहा कि संसद सदस्य के रूप में उनका यह 13वां वर्ष है, लेकिन कल जिस तरह से संसदीय समिति की बैठक में तृणमूल कांग्रेस की सदस्य ने उनके लिए ‘बिहारी’ के साथ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया, ऐसा इससे पहले ऐसा कभी नहीं देखा गया।

उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों ने इस देश को बनाने में मजदूरों की तरह काम किया है। सिखों के दसवें गुरू गोविंद सिंह का जन्म इसी राज्य में हुआ था। गौतम बुद्ध ने भी बिहार में शिक्षा पाई थी। इससे पहले दुबे ने ट्वीट कर बुधवार को भी इस विषय को उठाया था और तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने ‘बिहारी गुंडा’ कहा था।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को संबोधित अपने ट्वीट में कहा, ‘अपने 13 साल के संसदीय जीवन में पहली बार गाली सुनी, तृणमूल कांग्रेस की सदस्य महुआ मोइत्रा द्वारा आईटी पर संसदीय समिति की बैठक में तीन बार बिहारी गुंडा बोला गया।’

दुबे ने समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस सदस्य शशि थरूर को भी आड़े हाथ लेते हुए ट्वीट में लिखा कि थरूर ने इस संसदीय परम्परा को ख़त्म करने की सुपारी ले रखी है। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘बिहारी गुंडा’ शब्द का प्रयोग कर बिहार के साथ-साथ पूरे हिन्दी भाषी लोगों को गाली दी है गई है।

दुबे ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के लिए ट्वीट में लिखा, ”आप की सांसद महुआ मोइत्रा की इस गाली ने उत्तर भारतीय व ख़ासकर हिंदी भाषी लोगों के प्रति आपकी पार्टी की नफ़रत को देश के सामने ला दिया है।’

दुबे के अपमानजनक शब्द के आरोपों को खारिज करते हुए महुआ मोइत्रा ने ट्वीट किया, ”समिति की बैठक कोरम पूरा नहीं होने के कारण हुई ही नहीं थी। मैं किसी को गाली कैसे दे सकती हूं जो बैठक में मौजूद ही नहीं थे। उपस्थिति पंजी देख लीजिए।” गौरतलब है कि आईटी संबंधी स्थायी समिति की बैठक बुधवार को कोरम पूरा नहीं होने के कारण स्थगित कर दी गई थी जिसमें पेगासस स्पाइवेयर के मुद्दे पर सरकारी अधिकारियों से सवाल-जवाब किये जाने थे।

कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति के कई सदस्य ”नागरिकों के आंकड़ों की सुरक्षा और निजता” पर चर्चा करने के लिए बैठे थे। सूत्रों के अनुसार इस समिति में शामिल भाजपा सदस्य बैठक में मौजूद थे, लेकिन उन्होंने विरोध स्वरूप उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर नहीं किए। इस कारण बैठक के लिए जरूरी कोरम पूरा नहीं हो सका।

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