नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक पदाधिकारी की हत्या के मामले में वांछित हिज्बुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष ‘कमांडर’ को सुरक्षा बलों ने रामबन जिले में हुई मुठभेड़ में मार गिराया. अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में नौ घंटे चली मुठभेड़ में कुल तीन आतंकवादी मारे गए जबकि सेना का एक जवान शहीद हो गया. उन्होंने बताया कि आतंकवादियों की पहचान ओसामा और उसके सहयोगियों जाहिद और फारुक के तौर पर हुई है. अधिकारियों ने बताया कि तीनों शनिवार की सुबह राजमार्ग के पास हुई मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों से भागते हुए मुख्य बाजार स्थित एक मकान में घुस गए थे. वहीं तीनों को मार गिराया गया. उन्होंने बताया कि मुठभेड़ समाप्त होने के बाद मकान मालिक को भी सुरक्षित बचा लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि एक नवंबर, 2018 को भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार तथा नौ अप्रैल, 2019 को आरएसएस पदाधिकारी चन्द्रकांत शर्मा और उनके पीएसओ की हत्या करने जैसे कई संवेदनशील हमलों के पीछे ओसामा का ही हाथ रहा है. ओसामा पर कई लाख रुपये का इनाम था. वह किश्तवाड़ जिले में हथियार छीनने के तीन मामलों में भी वांछित था. गौरतलब है कि जिले को करीब एक दशक पहले ही आतंकवादी मुक्त घोषित कर दिया गया था. अधिकारियों ने बताया कि बार-बार आतंकवादियों को समर्पण के लिए प्रेरित करने के बावजूद उन्होंने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाते हुए भागने का प्रयास किया. उसके बाद हुई मुठभेड़ में वे सभी मारे गए. जम्मू स्थित रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा, ‘मुठभेड़ में सभी तीन आतंकवादी मारे गए, जबकि सेना का एक जवान शहिद हो गया.’ अधिकारी ने बताया कि शहीद नाइक राजिन्दर सिंह राजस्थान में जैसलमेर के रहने वाले थे. मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं. आतंकवादियों के कब्जे से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुआ है. बता दें, है कि इस मुठभेड़ से कुछ ही दिन पहले जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक मुकेश सिंह ने कहा था कि हिज्बुल मुजाहिदीन के तीन कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी से किश्तवाड़ जिले में हुई हत्या और हथियार छीनने की चार घटनाएं सुलझ गयी हैं. सिंह ने ओसामा और पांच आतंकवादियों का नाम लेते हुए 23 सितंबर को कहा था कि सुरक्षा बल उनकी तलाश में हैं और उन्हें जल्दी ही पकड़ लिया जाएगा.
अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़ में आतंकवादियों पर दबाव बढ़ने के बाद ओसामा और दो अन्य आतंकवादी जिले से बाहर भाग गए. सूचनाओं के मुताबिक तीनों राजमार्ग पर स्थित एक अस्थाई जगह पर रात गुजार रहे थे. उन्होंने बताया कि सुबह करीब साढ़े सात बजे दो संदिग्ध लोगों ने बटोटे में एक वाहन को रोकने का प्रयास किया. वाहन चालक सतर्क था और उसने वाहन नहीं रोका. उसने तुरंत इसकी सूचना पास की सैन्य चौकी को दी. लेफ्टिनेंट कर्नल आनंद ने कहा कि त्वरित कार्रवाई दल (क्यूआरटी) ने तुरंत कार्रवाई की. अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों ने सुबह ग्रेनेड फेंका और धारमुंड गांव में सेना के क्यूआरटी पर गोलीबारी की जिसके बाद संक्षिप्त मुठभेड़ हुई. उसके बाद उन्होंने क्यूआरटी) पर हमला कर भागने का प्रयास किया था. लेकिन दल ने उनका पीछा कर उन्हें घेर लिया. अधिकारी ने बताया कि बेहद खराब मौसम के बावजूद गहन तलाशी अभियान के बाद मकान में छुपे आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच दोपहर से गोलीबारी शुरू हो गई. उन्होंने बताया कि मकान मालिक विजय कुमार अंदर फंसे हुए थे. उनके परिवार के अन्य सदस्य बाहर आ गए थे और उन्हें सुरक्षित रखा गया है.