भोपाल: मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 की मतगणना से ठीक पहले भोपाल सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बड़ा बयान दिया । उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे अपने पहले चुनाव की तरह थोड़ा नर्वस महसूस कर रहे हैं । इसके साथ ही उन्होंने परिणाम से पहले आए एग्जिट पोल को बोगस बताया । बता दें भोपाल में दिग्विजय सिंह के सामने भारतीय जनता पार्टी ने मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उम्मीदवार घोषित किया है। गुरुवार सुबह मतगणना स्थल पहुंचे दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं सालों से राजनीति में हूं। मेरे लिए चुनाव जीतना बहुत महत्वपूर्ण है।
इसी वजह से थोड़ा नर्वस हूं। उन्होंने कहा कि सभी एग्जिट पोल बोगस हैं। भोपाल के पुरानी जेल में बने मतगणना स्थल पर सभी दलों ने नेताओं का पहुंचना शुरू हो गया था। भोपाल मध्यप्रदेश की राजधानी होने के साथ प्रदेश की राजनीति का केंद्र भी है। वहीं पिछले तीन दशक से भोपाल सीट पर भाजपा काबिज रही है। बीते लोकसभा चुनाव (2014) में भाजपा वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के यहां से चुनाव लड़ने से इंकार करने के बाद वर्तमान सांसद आलोक संजर को टिकट दिया गया था। ऐसे में भाजपा के इस किले में सेंध के लिए कांग्रेस ने इस बार पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर भरोसा जताया है।
दिग्विजय के खिलाफ चर्चित साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनाव मैदान में उतार कर भाजपा ने चुनाव को संघर्षपूर्ण बना दिया। भोपाल सीट पर पहली बार वर्ष 1951 में चुनाव हुए थे। तब से 1962 तक तीन बार कांग्रेसी सांसद जीते। पहले लोकसभा चुनाव में सईद उल्लाह राजमी सांसद रहे फिर 1957 और 1962 में मैमूना सुल्तान सांसद रहे। इसके बाद जेआर जोशी 1967 में भारतीय जन संघ से जीते। कांग्रेस से पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने 1971 में 31 हजार 412 वोटों से जीत हासिल की।
वर्ष 1977 में डॉ. शर्मा को भारतीय लोक दल से चुनावी मैदान में खड़े आरिफ बेग ने 1 लाख 8 हजार 526 वोट से हराया। उधर, 1980 में डॉ. शर्मा को 13 हजार 602 वोट से जीत मिली। 1977 में कांग्रेस के आरिफ बेग यहां से संसद पहुंचे। इसके बाद साल 1989 से लगातार यहां भाजपा का कब्जा है। 1989 से 1998 तक सुशील चंद्र वर्मा 4 बार सांसद रहे। इसके बाद मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती 1999 में सांसद चुनी गईं। फिर भाजपा ने 2004 और 2009 में कैलाश जोशी को टिकट दिया। जोशी की जीत के बाद 2014 में भाजपा से आलोक संजर जीते।