
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा द्वारा गुरुवार को इन्दिरा भवन, लखनऊ स्थित आयोग कार्यालय में विभिन्न जनपदों से प्राप्त कुल 28 शिकायतों और पत्रावलियों पर जनसुनवाई की गई।
कुँवर सुधाकर सिंह बनाम पुलिस अधीक्षक बाराबंकी एवं बन्दोबस्त अधिकारी बाराबंकी से संबंधित प्रकरण में यह मामला सामने आया कि भूमि विवाद में फर्जी हस्ताक्षर के माध्यम से फर्जी सुलहनामा तैयार किया गया था। पीड़ित द्वारा एफआईआर दर्ज कराए जाने के उपरांत आयोग ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि संबंधित हस्ताक्षरों की फोरेंसिक जांच कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
एक अन्य प्रकरण में रूचि देवी बनाम पुलिस अधीक्षक लखीमपुर खीरी की शिकायत पर सुनवाई की गई, जिसमें संबंधित अधिकारी की अनुपस्थिति पर अध्यक्ष ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए जाँच अधिकारी को बदलने तथा पुनः जांच कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
मोन्नी के मामले में तत्कालीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी बाराबंकी श्री अरविंद सिंह की पत्नी और पुत्री के चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति वर्ष 2020 से लंबित थी। आयोग के निर्देश पर ₹1,12,004 की धनराशि का भुगतान जारी कराया गया।
पुष्पा देवी बनाम वरिष्ठ कोषाधिकारी सीतापुर से संबंधित पारिवारिक पेंशन के मामले में आयोग के हस्तक्षेप से 80 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी पेंशनभोगी को अनुमन्य अतिरिक्त पेंशन के रूप में ₹93,546 की राशि का भुगतान सुनिश्चित कराया गया।
डॉ. सत्येन्द्र सिंह द्वारा समय से प्रोन्नति न मिलने के संबंध में प्रस्तुत प्रकरण में विशेष सचिव, प्राविधिक शिक्षा, निदेशक आईआईटी एवं कुलसचिव एकेटीयू की उपस्थिति में सुनवाई की गई। बैठक आयोजित कर लंबित प्रकरण का शीघ्र निस्तारण कराया जाए।
जनसुनवाई के उपरांत आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने कहा कि पिछड़े वर्ग के व्यक्तियों को समयबद्ध न्याय दिलाना आयोग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी स्तर पर लापरवाही अथवा असंवेदनशीलता को स्वीकार नहीं किया जाएगा।