एडिलेड: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एडिलेड में पहले टेस्ट (मैच रिपोर्ट) के पहले दिन भारत ने शुरुआत तो टॉस जीतने के साथ की, लेकिन इसके बाद कहानी सिर मुंडाते ही ओले पड़ने जैसी रही. न ही पिच में बहुत ज्यादा तेजी थी, न तीखा उछाला…न ही भयावह स्विंग और न ही अति उछाला..लेकिन न जाने भारतीय बल्लेबाजों को किस बात की जल्दी थी कि लंच तक मेहमान टीम ने अपने चार विकेट सिर्फ 56 रन पर ही गंवा दिए. और विकेटों की पतझड़ में सबसे ज्यादा निशाने पर केएल राहुल रहे. बरहरहाल, भारत की लंच तक की स्थिति को देखते हुए ‘रिकॉर्डगुरुओं’ को कुछ याद आ गया. और यह उनकी निराशा को और बढ़ा गया. मैच के पहले दिन भारतीय बल्लेबाजों में सबसे ज्यादा निराश करने वाले रवैया केएल राहुल का रहा. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चारिदनी प्रैक्टिस मैच में केएल राहुल ने अर्धशतक बनाकर अच्छी मैच प्रैक्टिस हासिल कर ली थी.
लंबे समय से केएल राहुल पर आलोचक उनके शॉट चयन को लेकर निशाना साध रहे हैं. लेकिन राहुल हैं कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे. और एडिलेड टेस्ट के पहले दिन भी ऐसा ही हुआ. जहां नजरें जमाने के लिए राहुल को ज्यादा से ज्यादा गेंद छोड़नी चाहिए थीं, वहीं वह बहुत दूर की गेंद को ड्राइव खेलने के लिए चले गए. और उनकी पारी आगे बढ़ने से पहले ही पंग्चर हो गई. केएल राहुल की शुरुआती ‘ईंट’ क्या खिसकी, एक के बाद एक देखते ही देखते चार विकेट गिर गए. निराशाजनक यह रहा कि मुरली विजय और विश्वसनीय दिखाई पड़ रहे अजिंक्य रहाणे निगाहें जमने के बाद आउट हुए. रहाणे का चौथा विकेट गिरा. और इसने आंकड़ेविदों को 26 साल पहले की कहानी याद दिला दी. टीम इंडिया के साल 1991-92 के ऑस्ट्रेलिया दौर में भी कमोबेश कुछ ऐसा ही हुआ था. बता दें कि एडिलेड से पहले भारत ने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर सीरीज के पहले टेस्ट में छब्बस सा पहले टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी थी. और तब भारत ने अपने चार विकेट 53 रन ही गंवा दिए थे और टीम 239 रन पर ढेर हो गई थी. आखिरी में पांच मैचों की सीरीज में भारत को 4-0 से सीरीज में हार का सामना करना पड़ा था.