सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार यहां विधानभवन स्थित कार्यालय कक्ष में पशुधन विभाग की बैठक में निर्देश दिये कि गोआश्रय स्थलों के निर्माण कार्यों एवं पशुओं की वैक्सीन, दवाईयों, औषधि में मिलावट, गुणवत्ता की कमी आदि की शिकायतें प्राप्त होने पर संबंधित संस्थाओं की जांचकर आवश्यक कार्यवाही करते हुए उन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाए। अवस्थापना संबंधी कार्यों में गुणवत्ता एवं समयबद्धता का पूरा ध्यान रखा जाए। गोवंश शेड, पानी पीने की चरहिया, खडंजा आदि मजबूत एवं व्यवस्थित तरीके से निर्मित कराया जाए। पशुधन के स्वास्थ्य की सुरक्षा महत्वपूर्ण है और इसमें चारा, भूसा, औषधियों या वैक्सीन की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जायेगा और संबंधित के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।
सिंह ने यह भी निर्देश दिये कि प्रदेश में 14 जनवरी से 02 फरवरी, 2025 तक आयोजित हो रहे पशुकल्याण पखवाड़े के माध्यम से लोगों को पशुओं के प्रति जागरूक किया जाए और लोगों को बुनियादी प्राथमिक चिकित्सा के बारे में सिखाया जाए। सड़क किनारे एवं अन्य स्थानों पर बीमार एवं घायल पशुओं के लिए चिकित्सा शिविर आयोजित किये जाए। दूध निकालने के लिए पशुओं को दिये जाने वाले आक्सीटोसिन इंजेक्शन के हानिकारक प्रभाव के बारे में बताया जाए। प्लास्टिक बैग विरोधी अभियान शुरू कर लोगों को जागरूक किया जाए। गौशाला कर्मियों के लिए कार्यशाला आयोजित की जाए ताकि बायो गैस, वर्मी कम्पोस्ट, जैव कीटनाशक, अगरबत्ती एवं पंचगव्य औषधियों के उत्पादन हेतु गौजनित पदार्थों का उपयोग किया जा सके। इसके साथ ही विभिन्न स्थानों पर आवारा एवं पालतू पशुओं के टीकाकरण के लिए एन्टी रैबीज शिविर का आयोजन किया जाए।
पशुधन मंत्री ने कहा कि गौवंश के उचित भरण पोषण के लिए आवश्यक है कि हरे चारे की बुआई वर्ष पर्यन्त व्यवस्थित ढंग से प्राथमिकता के आधार पर की जाए। चारागाहों भूमि को कब्जामुक्त कराते हुए मनरेगा से बहुवर्षीय और सीजनल चारा बुआया जाए। महाकुम्भ में पशुधन विभाग की योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए और देशी नस्ल की गायों की महत्ता से लोगों को जागरूक किया जाए। विभागीय योजनाओं से किसानों और पशुपालकों को बड़ी संख्या में जोड़ा जाए।
सिंह ने निर्देश दिये कि गो आश्रय स्थलों पर गोवंश के ठंड से बचाव के लिए त्रिपाल अलाव आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। ठंड से किसी भी गोवंश की मृत्यु न हो। पशुचिकित्साधिकारी गौ आश्रयस्थल पर जाकर गोवंश के उत्तम स्वास्थ्य, चिकित्सा एवं औषधि की व्यवस्था सुनिश्चित करें। केयरटेकर रात्रि में गोआश्रय स्थल पर ही रुके और गौवंश हेतु आवश्यक कार्य सुचारू रूप से पूरे करें। जनपद के नोडल अधिकारी गौ आश्रय स्थलों का नियमित रूप से निरीक्षण कर चारा, भूसा, पानी प्रकाश आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।
बैठक में पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव के0 रवीन्द्र नायक ने मंत्री को विभाग की योजनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया और आश्वस्त किया कि उनसे प्राप्त दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि निराश्रित गोवंशों को ठंड से बचाव हेतु पर्याप्त व्यवस्थायें की गयी हैं और अधिकारियों द्वारा निरंतर पर्यवेक्षण किया जा रहा है। प्रमुख सचिव ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि साइलेज टेंडर की प्रक्रिया 15 दिनों में पूर्ण कर ली जाए। टीकाकरण एवं कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रमों पर विशेष बल दिया जाए।
बैठक में पशुधन विभाग के विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, पशुपालन विभाग के निदेशक (प्रशासन एवं विकास) डा0 जयकेश कुमार पाण्डेय, निदेशक (रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र), डॉ0 योगेंद्र पवार, संयुक्त निदेशक, डॉ पी0के0 सिंह तथा सीईओ एल0डी0बी0, डॉ नीरज गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे !