अशाेक यादव, लखनऊ। लखनऊ के विधानसभा के सामने प्रजापति समाज के लोगों ने विधानसभा का घेराव कर जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार से प्रदेश में हो रहे कुम्हारों बालिकाओं के साथ बलात्कार को लेकर लखनऊ के विधानसभा के सामने प्रदर्शन कर गुहार लगाई।
प्रजापति समाज का यह भी कहना है कि लखनऊ के जिला जेल में रूपेश कुमार की हत्या और गोरखपुर में विजय कुमार प्रजापति के फर्जी एनकाउंटर की जांच सीबीआई से कराई जाए साथ ही जिन कुम्हारों की जमीन पर अवैध कब्जे हैं उनको सरकार द्वारा हटाया जाए।
आपको बता दें कि बीती 27 अक्टूबर को लखनऊ की गोसाईगंज जिला कारागार के सर्किल नंबर एक की बैरक में बंदी रूपेश (27) का शव सोमवार रात शौचालय के रोशनदान में गमछे से बंधे फांसी के फंदे पर लटका मिला था। सूचना पाकर मंगलवार सुबह पहुंचे बंदी के परिवारीजनों ने जेल के बाहर जमकर हंगामा किया और हत्या का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी।
प्रभारी निरीक्षक गोसाईंगंज अमरनाथ वर्मा ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई का आश्वासन देकर परिवारीजनों को शांत कराया गया था। जेल प्रशासन के अनुसार, एक सुसाइड नोट मिला था जिसमें रूपेश ने खुद को निर्दोष होने पर भी जेल भेजे जाने की बात लिखी थी।
गोरखपुर के गगहा के इकौना-रकहट मार्ग पर बीते 10 सितम्बर की रात चेंकिंग चल रही थी। जब पुलिस टीम विजय प्रजापति के संभावित ठिकाने पर पहुंची तो विजय ने फायरिंग शुरू कर दी और भागने लगा था। जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश घायल हो गया था और दूसरा भाग निकला था।
घायल बदमाश को अस्पताल लाया गया ले ज़ाया गया था जहां डॉक्टरों द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया था।उसकी शिनाख्त विजय के रूप में की गयी थी।विजय ने कुछ दिन पहले छात्रा काजल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस पर अपराध के दर्जनों मामले थे और एक लाख का इनाम भी था।
काजल को गोली मारने का मामला बताया जा रहा है कि, गगहा इलाके के जगदीशपुर भलुआन गांव निवासी राजू नयन सिंह बांसगांव कचहरी में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। इनका विजय प्रजापति से रुपयों के लेन देने का विवाद था। 20 अगस्त की रात में विजय प्रजापति समेत चार लोग राजू नयन सिंह के घर पहुंचे और पिटाई करने लगे थे,राजू नयन सिंह की बेटी काजल (17 वर्ष) इस मारपीट का वीडियो बना रही थी तभी इस पर विजय प्रजापति ने काजल को गोली मार दी थी।इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी।