नई दिल्ली। संसद के आगामी सत्र को लेकर केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बुधवार को एक बैठक बुलाई गई है, जिसमें लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को भी आमंत्रित किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह बैठक ‘चिंतन शिविर’ श्रृंखला की आखिरी कड़ी होगी।
शासन से जुड़े मुद्दों को लेकर मंत्रियों में बेहतर समझ विकसित के मकसद से बैठकों की इस श्रृंखला का आयोजन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में हो रही इन बैठकों को ‘चिंतन शिविर’ का नाम दिया गया है और इसका उद्देश्य दक्षता, सेवा और प्रशासन में सुधार करना है।
केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल नए सदस्यों के लिए यह एक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी है। ‘चिंतन शिविर’ की यह आखिरी कड़ी संसदीय प्रक्रियाओं और आगामी सत्र पर आधारित है। सूत्रों के मुताबिक संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी इसमें एक प्रस्तुति दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस बैठक के लिए लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति को आमंत्रण भेजा गया है।
अब तक ऐसी चार बैठक दक्षता, समय प्रबंधन, परियोजना और नीति केंद्रित क्रियान्वयन और हितधारकों के साथ बेहतर संबंध विकसित करने को लेकर हो चुकी है। पहले ‘चिंतन शिविर’ में केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और मनसुख मांडविया ने निजी दक्षता को प्रभावी बनाने पर प्रस्तुति दी थी। इसके बाद परियोजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में पीयूष गोयल और गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रस्तुति दी थी।
तीसरे चिंतन शिविर में केंद्रीय मंत्रियों हरदीप सिंह पुरी और मनसुख मांडविया ने मंत्रालय और हितधारकों के बीच संवाद पर प्रस्तुति दी थी। चौथी बैठक में केंद्रीय मंत्रियों अनुराग ठाकुर और स्मृति ईरानी ने संवाद विषय पर प्रस्तुति दी थी।
सूत्रों ने बताया कि इन प्रस्तुतियों के बाद विभिन्न प्रासंगिक विषयों पर मुक्त चर्चा हुई जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने भी सुझाव दिए थे। इस कार्यक्रम से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस आयोजन के पीछे प्रधानमंत्री का उद्देश्य निर्णय प्रक्रिया को गति देना और योजनाओं के जमीनी क्रियान्वयन को प्रभावी बनाने के स्तर को आगे ले जाना है।