नई दिल्ली। कांग्रेस केंद्र सरकार की ‘गरीब विरोधी नीतियों’ और महंगाई के मुद्दे पर उसे घेरने के लिए 14 नवंबर से राष्ट्रव्यापी ‘जन जागरण अभियान’ शुरू करेगी जिसके तहत पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता अलग-अलग इलाकों में पदयात्रा करेंगे तथा वे जनसंवाद एवं दूसरे संपर्क कार्यक्रमों के जरिये से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने का प्रयास करेंगे।
पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली सतत आंदोलन संबंधी कांग्रेस की समिति ने महंगाई के मुद्दे पर ‘जन जागरण अभियान’ से जुड़े कार्यक्रम तय किए हैं जिसे पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस कार्य समिति ने स्वीकृति प्रदान की है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं से कहा, ”मोदी सरकार की गरीब विरोधी नीतियों के कारण 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे चले गए हैं।
जनता परेशान है। ऐसे में हम जन जागरण अभियान आरंभ कर रहे हैं। पार्टी के कार्यकर्ता अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचेंगे और महंगाई के मुद्दे पर उन्हें जागरुक करेंगे।” कांग्रेस महासचिव के मुताबिक, 14 से 29 नवंबर के बीच चलने वाले इस अभियान के तहत एक सप्ताह तक पदयात्रा निकाली जाएगी। यह पदयात्रा हर सुबह प्रभात फेरी से आरंभ होगी। उन्होंने बताया कि 12 से 15 नवंबर तक महाराष्ट्र के वर्धा में कई कार्यकर्ताओं को प्रशक्षिण दिया जाएगा और इसमें 14 नवंबर का प्रशिक्षण कार्यक्रम जनजागरण अभियान पर केंद्रित होगा।
वेणुगोपाल ने कहा, ”जनजगारण अभियान को लेकर सोशल मीडिया अभियान भी चलाया जाएगा…इसके साथ ही कांग्रेस टोल-फ्री नंबर भी जारी करेगी जिस पर इस अभियान के समर्थक मिस्ट कॉल कर सकते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय मुख्यालय और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालयों में कंट्रोल रूप स्थापित किए जाएंगे जो जन जागरण अभियान पर निगरानी रखेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सभी प्रदेश इकाइयों और जिला इकाइयों से कहा है कि वे इस कार्यक्रम को लेकर आगे बढ़ें।
वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में महंगाई के मुद्दे का असर देखने को मिलेगा। दिग्विजय सिंह ने कहा, ”देश की अर्थव्यवस्था की बिगड़ी है। गरीब और मध्यवर्गीय परिवार को अपना बजट संभालने में दिक्कत आ र रही है। इस पूरे अभियान को जन-जन तक पहुंचाने का लक्ष्य है। पहले हमने महंगाई के विषय को लिया है।
बाद में दूसरे विषयों को भी लिया जाएगा।” उन्होंने कहा, ”कांग्रेस ने महसूस किया कि हमारे आंदोलनों में कार्यकर्ता शामिल होते हैं, लेकिन जिस तरह से आम जनमानस को शामिल होने चाहिए, वो नहीं हो पाते। इसलिए सतत आंदोलन कार्यक्रम के लिए समिति बनी। अब हम अपना कार्यक्रम लेकर आए हैं।” सिंह ने कहा, ”हम नेताओं से आग्रह कर रहे हैं कि वे अपने क्षेत्रों में पदयात्रा करें।”