अशाेक यादव, लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) एक बार फिर से अपनी पुरानी शक्ति प्रदर्शन दिखाने के लिए कमर कस ली है। बीएसपी के पदाधिकारी से लेकर कार्यकर्ता तक संगठन को हर स्तर मजबूत करने के लिए दिन रात जुट गयें है। कार्यकर्ता बूथ से लेकर गांव-गांव जाकर संर्पक कर रहे है।
अगामी 9 अक्टूबर को कांशीराम के पुण्यतिथि दिवस पर कांशीराम स्मारक स्थल पर पांच लाख से अधिक बसपा कार्यकर्ता जुटेंगे। जहां बसपा सुप्रीमों अपनी पुरानी ताकत दिखाने के साथ विधान सभा चुनाव 2022 का शंखनाद करेंगी।
इस कार्यक्रम में प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा से 1500 लोगों को लाने की तैयारी है। बसपा सुप्रीमों मायवती ने बुधवार को मुख्य सेक्टर प्रभारियों और जिलाध्यक्षों के साथ बैठक कर विधान सभा उम्मीदवारों के बारे में विस्तृत जानकारी ली ।
मायावती ने कहा कि बसपा विधानसभा चुनाव में पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेगी। इसलिए 15 अक्तूबर तक विधानसभा उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए जाने हैं। इसके बाद नाम घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।
बसपा चुनौतियों के मद्देनजर पोलिंग बूथ स्तर तक पार्टी संगठन की तैयारियों व सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने आदि की गहन समीक्षा की और युद्ध स्तर पर सभी को काम करने का निर्देश दिए। मायावती ने कहा कि चुनाव में अहम भूमिका बूथ कमेटियों की होती है। इसलिए इसके गठन का काम जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए।
इसमें खासकर युवाओं को जोड़ा जाए। बसपा से महिलाओं को जोड़ने की जिम्मेदारी सतीश चंद्र मिश्र की पत्नी कल्पना मिश्रा को दी गई है। इसलिए पार्टी के साथ महिलाओं को जोड़ने में उनका सहयोग किया जाए।
कांशीराम की पुण्यतिथि पर सालों बाद जेल रोड स्थित कांशीराम ईको गार्डेन में पार्टी के कार्यकर्ता जुटेंगे। उन्हें लाने और ले जाने के लिए स्थानीय स्तर पर व्यवस्था की जाएगी। निर्देश दिया कि यह ध्यान रखा जाएगा कि कोरोना प्रोटोकाल का किसी तरह को उल्लंघन न होने पाए।
बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्षा मायावती को मंडलवार मिले उम्मीदारों के नामों के आधार पर करीब 100 से अधिक उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप दे दिया गया है। इसके अलावा शेष बची विधान सभा सीटों को अगले माह 15 अक्तूबर तक अंतिम रूप देने की तैयारी है। उम्मीदवारों में सबसे अधिक ओबीसी और ब्राह्मण को इस बार टिकट दिया जाना है।