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जल्द बढ़ेगी आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं की सैलरी: सीएम याेगी

अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने मंगलवार को राष्ट्रीय पोषण माह-2021 की शुरुआत की और इस मौके पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि सरकार आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाने की दिशा में बेहतरीन तरीके से आगे बढ़ रही है।

मंगलवार को लखनऊ के लोक भवन (मुख्‍यमंत्री कार्यालय) के सभागार में राष्ट्रीय पोषण माह की शुरुआत के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा, कोरोना काल में जब अच्‍छे-अच्‍छे लोग कोरंटाइन होकर घर में बंद हो गये थे तो आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लोगों के गांव-गांव घर-घर जाकर दवाएं उपलब्‍ध करा रही थीं और अगर निगरानी समितियों के माध्‍यम से ये लोग यह कार्य नहीं करते तो उप्र में कोरोना की स्थिति को संभालना कठिन हो जाता।

योगी ने कहा कि इनके अच्‍छे कार्य को ध्‍यान में रखकर ही सरकार ने निश्चित किया कि आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय को बढ़ाने का काम करेंगे और सरकार उस दिशा में बेहतरीन तरीके से आगे बढ़ रही है। विभाग इसकी कार्य योजना तैयार कर रहा है।

साथ ही विभाग को मैंने यह भी कहा है कि इनका जो पिछला बकाया है उसका तत्काल भुगतान करने की व्यवस्था कर दें। मुख्‍यमंत्री ने कहा, इस बात पर गौरव की अनुभूति कर सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस देश को एक नयी दृष्टि दी है । उस दृष्टि के क्रम में अगर एक समर्थ और सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना को साकार करना है तो यह सोचना है कि अगर मां कुपोषित है तो बच्चा कभी सुपोषित नहीं हो सकता है।

उन्होंने कहा कि इसलिए मां के स्वास्थ्य पर ध्यान देना और अगर किन्हीं कारणों से बच्चा कुपोषित हो गया है तो उस पर भी ध्यान देना, इसी बात को ध्‍यान में रखकर 2018 से सितंबर माह में राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जाता है और आज चौथे राष्ट्रीय कुपोषण माह से हम सब जुड़ रहे हैं योगी ने कहा कि स्वाभाविक रूप से समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति के बारे में, एक मां स्वस्थ हो और एक बच्चा स्वस्थ हो, प्रधानमंत्री की यह सोच इस राष्‍ट्रीय मिशन से जुड़ी है क्योंकि मां कुपोषित होती तो एक परिवार की समस्या नहीं है, यह चुनौती पूरे समाज और देश के लिए होती है। कुपोषित माताओं के लिए सरकार के प्रयासों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि 2500 कुपोषित माताओं को गाय और गाय के लालन-पालन के लिए प्रति माह नौ सौ रुपये दिये जा रहे हैं। उन्‍होंने पोषण माह में इस अभियान को और गति देने की अधिकारियों से अपेक्षा की।

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