अशाेक यादव, लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के भूखंडों में फर्जीवाड़े का दिन पर दिन खुलासा हो रहा है। बाबुओं की मिलीभगत से प्रियदर्शनी कॉलोनी में चार भूखंडों को फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दिया गया। यहां तक कि एक भूखंड का नक्शा भी प्राधिकरण से पास करा लिया था जिसे एलडीए ने निरस्त कर दो बाबुओं सहित कुल नौ लोगों के खिलाफ गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। इनमें से एक बाबू निलंबित चल रहा है वहीं दूसरा सेवानिवृत्त हो चुका है। एलडीए अब इन भूखंडों पर कब्जा वापस लेने की तैयारी कर रहा है।
मामला प्रियदर्शनी कालोनी के सेक्टर सी स्थित भूखंड संख्या 1/55, 1/56, 1/69 और 1/70 का है। इन भूखंडों के हाईटेंशन लाइन की जद में आने से एलडीए ने इन्हें किसी को भी आवंटित नहीं किया था। कुछ महीने पहले जब हाईटेंशन लाइन हट गयी तो एलडीए को भूखंडों की सुध आयी लेकिन इससे पहले ही जालसाजों की इन भूखंडों पर नजर पड़ गयी। जालसाजों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर चारों भूखंड बेच डाले।
शिकायत मिलने के बाद सचिव के निर्देश पर जब प्रकरण की जांच करायी गयी तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। 1250 वर्ग फिट के इन चारों भूखंडों की कीमत लगभग तीन करोड़ से ज्यादा है। सचिव, लखनऊ विकास प्राधिकरण पवन कुमार गंगवार ने बताया भूखंडों की जांच में यह खुलासा हुआ कि एलडीए के दो कनिष्ठ लिपिक अजय प्रताप वर्मा और श्रीकृष्ण ने जालसाजों की मदद से चारों भूखंड अपनी आईडी का इस्तेमाल कर एलडीए के आनलाइन रिकार्ड में जालसाजों के नाम दर्ज कर दिया था। कुछ महीने पहले ही भूखंड संख्या 1/56 का एलडीए से नक्शा भी पास कराकर निर्माण भी शुरू करा दिया था।
एलडीए की जांच में सामने आया कि भूखंड संख्या 1/55, 1/69 व 1/70 को 31 फरवरी में सेवानिवृत्त हुए श्रीकृष्ण की कंप्यूटर आइडी से एलडीए के रिकॉर्ड में फर्जी मालिकों के नाम चढ़ाए गए। इस काम को पिछले साल मार्च में अंजाम दिया गया। इससे पहले जनवरी 2018 में अजय प्रताप वर्मा की आइडी से प्लॉट संख्या 1/56 पर एलडीए के रिकॉर्ड में अमर सिंह का नाम दर्ज किया गया। इसी को आधार बनाते हुए शुक्रवार को एलडीए ने श्रीकृष्ण पर तीन और अजय प्रताप वर्मा पर एक मुकदमा दर्ज कराया है।