अशाेक यादव, लखनऊ। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि नियम विरुद्ध विद्युत भार बढ़ाने के प्रकरण में दोषी अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की शिकायत पर ऊर्जा मंत्री ने अपर मुख्य सचिव ऊर्जा को कार्रवाई के निर्देश दिये हैं। पूरे प्रदेश में लगभग 70 हजार से लेकर एक लाख घरेलू उपभोक्ताओं व हजारों किसानो के नलकूप के भार को बिना विद्युत वितरण संहिता का पालन किए बढ़ाए जाने का मामला तूल पकड़ गया है।
आज पूरे मामले को लेकर उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से शक्ति भवन स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात कर मुद्दा उठाया। अवधेश वर्मा ने कहा कि घरेलू व ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं की एक आम शिकायत है कि बिजली निगमों के अभियंताओं द्वारा विद्युत वितरण संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन कर राजस्व बढ़ाने के लिए उनका भार मनमाने तरीके से बढ़ा दिया जाता है जिससे उनका बिजली का बिल स्वतः अधिक आने लगता है।
उन्होंने कहा कि विद्युत वितरण संहिता 2005 की धारा 6.9 व टैरिफ आदेश में स्पष्ट प्रावधान है कि किसी भी घरेलू उपभोक्ता का भार तभी बढ़ाने की नोटिस दी जाएगी जब घरेलू उपभोक्ता के मीटर में भार लगातार तीन महीने बढ़कर यानी एमडीआई ज्यादा रिकॉर्ड करेगी। ऐसा होने पर नोटिस देकर उनका भार बढ़ाने के लिए कहा जाएगा।
अगर नोटिस के 30 दिन बाद भी उपभोक्ता द्वारा कोई जबाब नहीं दिया जाता है, उस दशा में नियमों के तहत उसके भार को बढ़ाया जाएगा। ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष को बताया कि पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की गयी है। नियमों के विपरीत की गई कार्रवाई पर सख्त कदम उठाया जायेगा। दोषी अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विद्युत भार बढ़ाने के नाम पर किसी भी घरेलू व किसानों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।