देवेन्द्र चन्द देवा, टनकपुर। चम्पावत जिले के पवनदीप राजन ने इंडियन आइडल 12 के विजेता होने की सूचना मिलते ही जिले के लोग झूम उठे हैं। इसके लिए पवनदीप की कड़ी मेहनत व लगन के साथ उनके लोक गायकार पिता सुरेश राजन को श्रेय दिया जा रहा है। 27 जुलाई 1996 को जन्मे चम्पावत जिले के चौकी गांव निवासी पवनदीप राजन ने अपने पिता कुमाऊंनी लोक गायक सुरेश राजन के सानिध्य में बचपन से ही संगीत की शिक्षा ग्रहण की।
सिर्फ डेढ़ साल की उम्र में पवनदीप ने तबले पर हाथ फेरा तो तबले पर थिरकती उनकी उंगलियों को देख पिता को बेटे में भविष्य का उम्दा कलाकार नजर आ गया। सुरेश राजन ने अपने बेटे पवनदीप के लिए शुरुआती दौर में छोटे-मोटे स्टेज शो से सफर शुरू करवाया, बाद में धीरे-धीरे उसके बेहतर कदम आगे बढ़ते रहे।
पवनदीप की प्राथमिक शिक्षा यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी स्कूल चम्पावत से और स्नातक की शिक्षा कुमाऊं विश्व विद्यालय नैनीताल से हुई है। बचपन से ही उनकी रूचि संगीत में थी। उनकी इसी रूचि को देखते हुए उनके पिता ने उन्हें संगीत की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी। पवनदीप को संगीत का माहौल विरासत में मिला है।
उनकी माता सरोज राजन, बड़ी बहन चांदनी राजन एवं छोटी बहन ज्योति दीप राजन भी सुरीली आवाज की धनी हैं। छोटी बहन ज्योति दीप राजन तो कुमाऊंनी गीतों के क्षेत्र में अपना लोहा मनवा चुकी हैं। वही पवनदीप के ताऊ सतीश राजन भी कलाकार हैं। उन्होंने ही पवनदीप को छुटपन में थाली बजाकर संगीत की शिक्षा दी थी।
उनके दादा स्व. रति राजन भी अपने समय के प्रसिद्ध लोक गायक रहे हैं। पवनदीप को बचपन से ही गिटार, तबला, पियानो के साथ ढोलक जैसे कई संगीत वाद्य यंत्र बजाना पसंद रहा है। वर्ष 1998 में जब पवनदीप राजन की उम्र मात्र दो साल थी तभी से इनकी उंगलियां तबले पर थिरकने लगी थी।
चम्पावत में आयोजित कुमाऊं महोत्सव ,नैनीताल में शरदोत्सव आदि कार्यक्रमों में पवनदीप ने तबले से भी लोगों को प्रभावित किया। साथ ही पवनदीप के तबला वादन का प्रदर्शन दूरदर्शन और जी टीवी पर हो चुका हैं। इंडियन आइडल का 12वां एडिसन जीतने से पहले पवनदीप राजन वर्ष 2015 में वॉइस ऑफ इंडिया का खिताब भी अपने नाम कर चुके हैं।वह पहाड़ी गाने भी बेहतर गाते हैं।
इधर पवनदीप के इंडियन आइडल 12 के विजेता बनने पर चम्पावत जिले के तमाम अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने खुशी जाहिर करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी हैं।इस समय पवनदीप का पूरा परिवार मुंबई में ही है। पवनदीप के जिले में पहुंचने पर उनके स्वागत की जोर शोर से तैयारियां भी शुरू होने लगी है।