अशाेक यादव, लखनऊ। राज्यसभा ने विपक्षी दलों के जबरदस्त हंगामे के बीच आज दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (संशोधन) विधेयक 2021 ध्वनिमत से पारित कर दिया जिसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। विपक्ष दलों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही इससे पहले भी बारह और फिर दो बजे तक स्थगित की गयी थी।
दो बजे जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई उप सभापति भुवनेश्वर कलिता ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से विधेयक पेश करने को कहा। इससे पहले कांग्रेस के नेता शक्तिसिंह गोहिल ने विधेयक के विरोध में अपना संकल्प सदन में रखा। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सदस्य आसने के निकट आकर हंगामा करने लगे। कांग्रेस के सदस्यों ने भी उनका समर्थन किया।
विधेयक पर हंगामे के बीच ही बेहद संक्षिप्त चर्चा करायी गयी जिसके बाद सीतारमण ने अपने संक्षिप्त भाषण में सदस्यों द्वारा व्यक्त चिंताओं का समाधान करने तथा उनके सुझावों पर विचार करने का आश्वासन देते सदन से विधेयक पारित करने की अपील की।
सदन ने हंगामे के बीच ही कांग्रेस के नेता शक्तिसिंह गोहिल और अन्य सदस्यों के विधेयक को नामंजूर करने से संबंधित संकल्प को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद सदन ने विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया जिससे इस पर संसद की मुहर लग गयी क्योंकि लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। यह विधेयक गत अप्रैल में इस संबंध में लाये गये अध्यादेश का स्थान लेगा।
विधेयक पारित होते ही उप सभापति भुवनेश्वर कलिता ने आसन के निकट नारेबाजी कर रहे सदस्यों से अपनी जगहों पर लौटने की अपील की और कहा कि अभी सदन में दो और महत्वपूर्ण विधेयक आने हैं जो आप लोगों के संसदीय क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए महत्वपूर्ण हैं। सदस्यों पर इसका असर न होते देख और अव्यवस्था बनने के कारण उप सभापति ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।