पटना: बिहार में मचे सियासी घमासान के बीच आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद अपनी-अपनी पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे. बैठक में नीतीश कुमार कोई कड़ा फैसला ले सकते हैं. नीतीश ने तेजस्वी को सफाई देने के लिए शनिवार शाम तक का समय दिया था, लेकिन उपमुख्यमंत्री ने न तो सफाई दी और न ही इस्तीफा. इसी को देखते हुए ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि रविवार को सरकारी आवास पर होने वाली बैठक में नीतीश कुमार कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख ने अपने बेटे तेजस्वी के इस्तीफे से साफ इनकार कर दिया था. हालांकि उन्होंने कहा था कि गठबंधन बना रहेगा. वहीं, आरजेडी (राजद) भ्रष्टाचार को लेकर की गई सीबीआई की कार्रवाई को’राजनीति से प्रेरित’ करार दे रही है.
लालू यादव का यह रुख नया नहीं है. 1990 के दौरान जब वह मुख्यमंत्री थे, तो समूचा विपक्ष चारा घोटाले के आरोप में उनसे इस्तीफे की मांग कर रहा था, लेकिन लालू ने तब तक इस्तीफा नहीं दिया, जब तक कि कोर्ट ने उनके खिलाफ ऑर्डर जारी नहीं कर दिया. लालू ने 1997 में कोर्ट द्वारा उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी किए जाने के बाद इस्तीफा दिया था. मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने पर उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को सत्ता सौंप दी थी. इस समय लालू अपनी इसी पुरानी रणनीति पर काम करते हुए नजर आ रहे हैं. दो दशक बाद आज उनकी पार्टी लगभग उसी स्थिति से गुजर रही है लेकिन अब सरकार गठबंधन की है.
उधर, नीतीश कुमार की पार्टी ने अल्टीमेटम देते हुए साफ कर दिया है या तो तेजस्वी अपने ऊपर लगे आरोपों का प्रामाणिक जवाब दें या इस्तीफा दें. जेडीयू से जुड़े सूत्रों ने NDTV को बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस मामले का समाधान कराएं. कुछ समय पहले जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने NDTV से कहा था कि पार्टी ने तेजस्वी के इस्तीफे के लिए कोई डेडलाइन तय नहीं की है लेकिन यह संकेत जरूर दे दिया है कि नीतीश कुमार की बेदाग छवि से समझौता नहीं किया जाएगा.
और बढ़ी खटास
महागठबंधन में तनातनी के बीच शनिवार को पटना में आयोजित कौशल विकास कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे. हालांकि तय कार्यक्रम के मुताबिक उनको भी वहां आना था. आरक्षित सीट पर उनकी नेमप्लेट भी लगी थी. लेकिन जब वह नहीं पहुंचे तो उनकी नेमप्लेट को ढंक दिया गया. इसको सत्तारूढ़ महागठबंधन में राजद और जदयू के बीच बढ़ती खटास के रूप में देखा जा रहा है. दरअसल शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव की इस घोषणा के बाद बिहार की सियासत में संकट गहरा गया है कि तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे.