
अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए हो रहे चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। इस चुनाव को लेकर सपा सत्ताधारी पार्टी भाजपा लगातार शासन व सत्ता का दुरुपयोग करने करने का आरोप लगाा रही है। इसी क्रम में सपा एमएलसी उदयवीर सिंह व पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजीव राय ने राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार से मुलाकात की और सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग में भी इसकी शिकायत की।
सपा नेताओं ने कहा कि सरकार के इशारे पर पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं ने सपा कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ मारा-पीटा गया की और जिला पंचायत सदस्यों का अपहरण कर लिया। साथ ही उन्होंने डीएम और एसपी पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की। सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि अपहरण की धाराओं में संबंधित डीएम और एसपी पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। वहीं उन्होंने थानेदार समेत पुलिस वालों पर भी मुकदमा दर्ज करने की मांग आयोग से की।
इसके साथ ही सपा एमएलसी उदयवीर सिंह ने कहा, भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में गोरखपुर, झांसी, मुरादाबाद, भदोही, चित्रकूट, श्रावस्ती, बलरामपुर, हमीरपुर, गोंडा, मऊ, ललितपुर, गाजियाबाद में सपा प्रत्याशियों को नामांकन तक दाखिल नहीं करने दिया। सपा एमएलसी का कहना है कि रात 12:00 बजे वाराणसी में सपा प्रत्याशी का पर्चा खारिज कर दिया, वहीं ऑर्डर की कॉपी भी नहीं दी गई।
नामांकन चेक करने में रात के 12:00 बज गए ऐसा कौन सा पर्चा चेक कर रहे थे। जबकि ज़िले के प्रभारी मंत्री अंदर बैठे हुए थे। सपा नेता ने कहा कि वाराणसी के प्रशासनिक अमले पर 420 और अपराधिक मामले में मुकदमा दर्ज होना चाहिए। क्योंकि इस कदम से लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठा है। उन्होंने कहा कि जब डीएम-एसपी को ही चुनाव लड़ना है तो चुनाव आयोग की क्या जरूरत है।