अशाेक यादव, लखनऊ। प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक़्फ़ एवं हज मंत्री मोहसिन रज़ा ने प्रियंका गांधी वाड्रा व सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा है कि यह समय देश और प्रदेश वासियों की मदद करने का है न कि आरोप और प्रत्यारोप द्वारा अपनी राजनैतिक रोटियां सेकने का…।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले वर्ष भी कोरोना महामारी से निपटने के लिए कुशल प्रबंधन कर दिखाया है, जिसे प्रदेशवासियों ने सराहा भी है। इस बार कोरोना पॉजिटिव होने के बाद भी वह जिस तरह कोरोना के रोकथाम के लिए लगातार जनता के हितों का काम कर रहे हैं, वह औरों के लिये एक मिसाल है।
प्रियंका वाड्रा और अखिलेश यादव से कहना है कि यह आपदा आपके लिए आपकी राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने का अवसर होगा परन्तु भारतीय जनता पार्टी के लिए आपदा की इस दुःखद घड़ी में जनसेवा ही कर्तव्य है।
आपको बता दें कि कोरोना महामारी के जरिए अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार का घेराव किया था। अखिलेश ने भाजपा सरकार पर जमकर आरोप लगाए। अखिलेश ने कहा था कि भाजपा सरकार कोरोना की महामारी और जनता की बढ़ती तकलीफों के बीच भी अपनी थोथी बातें करने से बाज नहीं आ रही है। सच्चाई का सामना करने से वह भय खाती है।
सरकार का बड़बोलापन स्वयं बढ़ते संकट का कारण है। प्रदेश की जनता इलाज, दवा और आक्सीजन के लिए दर-दर भटक रही है किन्तु भाजपा सरकार कुप्रचार के सहारे सभी को भटकाने का काम कर रही है।
अखिलेश यादव ने मंगलवार को जारी बयान में कहा था कि समाजवादी पार्टी संकट के इस दौर में जनसाधारण के साथ है, आगे भी रहेगी। लेकिन जहां सरकार की कमी होगी उसे उजागर करना भी समाजवादी पार्टी का नैतिक तथा सामाजिक दायित्व है। लोकतंत्र में विपक्ष सत्ता दल की आरती उतारने के लिए नहीं है। भाजपा ने चार वर्ष में जनहित में एक भी उल्लेखनीय विकास कार्य नहीं किया है।
प्रियंका गांधी ने भी यूपी की योगी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने यूपी में ऑक्सीजन की कमी और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए सीएम योगी को एक पत्र भी लिखा था।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी की स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए मंगलवार को कहा था कि अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस विपदा से निपटने के लिए पूरा संसाधन नहीं झोंकेंगे तो भावी पीढ़ियां उन्हें कभी माफ नहीं करेंगी। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में यह आग्रह भी किया कि राज्य सरकार को स्वास्थ्य संबंधी आपातकाल की स्थिति को स्वीकार करना चाहिए।
प्रियंका ने सुझाव दिया कि स्वास्थ्यकर्मियों एवं फ्रंटलाइन कर्मियों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करने के साथ ही आरटीपीसीआर जांच बढ़ाने, ऑक्सीजन भंडारण की नीति तय करने और मौत के आंकड़ों को लेकर पारदर्शिता बरतने समेत कई कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा, ” उत्तर प्रदेश में शहरों की सीमाओं को लांघकर अब यह महामारी गांवों में अपना पैर पसार रही है। पिछले 20 दिनों में कोरोना के 10 गुना मरीज बढ़े हैं। सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि जिस रफ़्तार से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उसके मुकाबले प्रदेश में कोरोना जांच की दर न के बराबर है। बड़ी संख्या ऐसे मामलों की भी है जो रिपोर्ट ही नहीं हो पा रहे।