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ऑक्सीजन की सुचारु उपलब्धता कराई जा रही है सुनिश्चित: योगी आदित्यनाथ

राहुल यादव, लखनऊ।शनिवार को कोविड-19 प्रबंधन के लिए गठित टीम-11 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देश दिए।
 डीआरडीओ के सहयोग से लखनऊ और वाराणसी में कोविड अस्पताल की स्थापना की कार्यवाही पूर्ण होने वाली है। सभी आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाओं से युक्त इन दोनों अस्पतालों के क्रियाशील होने से प्रदेश के चिकित्सा संसाधन और सुदृढ़ होंगे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनके सहज संचालन के लिए आवश्यक प्रशिक्षित मानव संसाधन आदि के संबंध में व्यवस्था कर ली जाए।
 आमजन को बेड की उपलब्धता की समुचित जानकारी उपलब्ध कराई जाए। प्रदेश में ऐसे सभी हॉस्पिटल जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है, प्रत्येक दिन में दो बार अस्पताल में रिक्त बेड का विवरण सार्वजनिक करें। यह विवरण जिले के इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के पोर्टल पर भी अपलोड कराया जाए। बेड का आवंटन पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाना चाहिए। सभी जिला प्रशासन इस व्यवस्था को तत्काल  प्रभाव से लागू कराएं। स्वास्थ्य मंत्री और चिकित्सा शिक्षा मंत्री प्रदेश के सभी जिलों इस स्थिति की आज विस्तृत समीक्षा करें।
 रेमडेसिविर तथा अन्य जीवन रक्षक दवाओं का वितरण पारदर्शी रूप से किया जाए।कैडिला कम्पनी से 18,000 वॉयल रेमेडेसीवीर और प्राप्त हो गया है। हर दिन इसकी आपूर्ति बढ़ती जा रही है। मांग के अनुसार संबंधित कंपनियों को और डिमांड भेजी जाए। आपूर्ति के साथ-साथ इसकी वितरण व्यवस्था को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है।सभी जरूरतमन्दों को यह सुविधाएं समान रूप से उपलब्ध करायी जाएं।
 प्रदेश में ऑक्सीजन की सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। बोकारो से भारतीय रेल की विशेष ‘ऑक्सीजन रेल’ उत्तर प्रदेश पहुंच चुकी है। मोदीनगर, काशीपुर, पानीपत और रुड़की प्लांट से भी प्रदेश को ऑक्सीजन आपूर्ति हो रही है। इस ऑक्सीजन का पारदर्शिता के साथ सुचारु वितरण कराया जाए। 
 बहराइच, फिरोजाबाद आदि छोटे जिलों को उनके मंडल मुख्यालयों से ऑक्सीजन आवंटित कराया जाए। गोरखपुर, बरेली सहित विभिन्न जिलों में टैंकरों से ऑक्सीजन भेजा जा रहा है। इन टैंकरों की जीपीएस मॉनिटरिंग और पर्याप्त सुरक्षा बल मुहैया कराया जाए। प्रदेश में किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी। समस्त जनपदों के सभी छोटे-बड़े अस्पतालों पर  शासन स्तर से सीधी नजर रखी जाए
 ऑक्सीजन उत्पादन अथवा रिफिल करने वाली प्रदेश की एमएसएमई इकाइयों को सीधे अस्पतालों से जोड़कर ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था को और मजबूत किया गया है।भारतीय वायुसेना भी विविध केंद्रों से ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित कराने में सहयोग कर रही है। मांग और आपूर्ति की स्थिति की 24×7 मॉनिटरिंग की जाए। वितरण व्यवस्था पारदर्शी हो, यह सुनिश्चित करें।
 ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाने की आवश्यकता है। ऐसे में, ऑक्सीजन ऑडिट कराया जाए। जो लोग होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं, उन्हें आवश्यकता के अनुसार ऑक्सीजन जरूर उपलब्ध कराया जाए। प्रदेश में कहीं भी ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी।
 विगत 24 घंटों में प्रदेश में 23 हजार से अधिक लोग कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए हैं। स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या में हर दिन हो रही यह वृद्धि अत्यन्त सुखद है। हम सभी अगर कोविड प्रोटोकाॅल को अमल में लाते हुए टेस्ट, ट्रेस और ट्रीट के मंत्र को आत्मसात करें, तो कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में हमारी जीत सुनिश्चित है।
 आगामी 01 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी प्रदेशवासियों का टीकाकरण किया जाना है। यह टीकाकरण नागरिकों के लिए पूर्णतः निःशुल्क होगा। इस संपूर्ण प्रक्रिया के सुचारु संचालन की कार्ययोजना वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में गठित कमेटी तैयार करेगी। समिति द्वारा वैक्सीन निर्माता कम्पनियों से संवाद स्थापित करते हुए वृहद टीकाकरण को सफल बनाने के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए। इस कार्य में देरी न हो।
 कोविड की चेन को तोड़ने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग अति महत्वपूर्ण है। कोविड संक्रमित व्यक्ति के परिवारीजनों के साथ-साथ उनके संपर्क में आए लोगों का टेस्ट जरुर कराया जाए। आरटीपीसीआर और एंटीजन टेस्ट की क्षमता को दोगुना किया जाए।

 कोविड संक्रमित की हर एक मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे सभी लोगों का अन्तिम संस्कार उनकी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं का पालन करते हुए प्रशासन की देख-रेख में कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। मृतक के परिजनों के साथ संवेदनशील व्यवहार हो। गरीब परिवारों के सदस्यों के अंतिम संस्कार के लिए सरकार द्वारा सहायता राशि देने की व्यवस्था है। पंचायती राज और नगर विकास विभाग इन व्यवस्थाओं को लागू किया जाना सुनिश्चित करें।
 कोविड संक्रमित मरीजों और उनके परिजनों के साथ संवेदनशील और मर्यादित व्यवहार किया जाए। निजी चिकित्सालयों में भी इलाज के लिए सरकार ने दरें तय की हैं, उससे अधिक शुल्क न लिया जाए। मनमाने ढंग से शुल्क लिए जाने की शिकायत पर नियम संगत कठोरतम कार्रवाई की जाए। मरीज के परिजनों को मरीज के स्वास्थ्य के संबंध में हर दिन दो बार जानकारी दी जाए।
 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076 द्वारा अस्पतालों में भर्ती कोविड संक्रमित मरीजों की स्थिति की निरन्तर जानकारी प्राप्त की जाए। निगरानी समितियां सक्रिय रहें। निगरानी समितियों की समीक्षा व माॅनीटरिंग लगातार हो।  
 शुक्रवार रात्रि 08 बजे से सोमवार प्रातः 07 बजे तक साप्ताहिक कोरोना कर्फ्यू प्रभावी है। प्रदेश के सभी जिलों में इसे सख्ती से लागू किया जाए। पुलिस पेट्रोलिंग पर रहे। इस अवधि में व्यापक स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फॉगिंग का कार्य कराया जाए।
 साप्ताहिक कोरोना कर्फ्यू की अवधि में कोविड टीकाकरण का कार्य निर्बाध रूप से जारी रहे।लोगों को घर से टीकाकरण केंद्र जाने और वापस आने की छूट है। टीकाकरण के लिए आवागमन में नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। औद्योगिक इकाइयां व अन्य आवश्यक सेवाएं सतत संचालित रहें।
 प्रदेश के सभी अस्पतालों में अग्निशमन व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर लिया जाए, जिससे अग्नि की घटनाओं में क्षति न होने पाए। यह कार्य पूरे प्रदेश में तत्काल किया जाए।
 कंटेनमेंट ज़ोन की व्यवस्था को प्रभावी बनाया जाए। समीप स्थिति एक से अधिक माइक्रो कंटेनमेंट ज़ोन को जोड़कर एक कंटेनमेंट ज़ोन बनाया जाना चाहिए। यह अधिक सुविधाजनक और व्यवहारिक होगा। 
 ऐसे दौर में जबकि पूरा देश कोरोना महामारी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ रहा है, ऐसे आपदाकाल में भी कुछ अराजक तत्व दवाओं की कालाबाजारी, अफवाह फैलाने अथवा माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।सोशल मीडिया पर भी ऐसे दुष्प्रचार हो रहे हैं। ऐसे लोगों के विरुद्ध गैंगस्टर एवं एनएसए के तहत कठोरतम कार्रवाई की जाए। इनकी सम्पत्ति जब्त की जाए। 
 एम्बुलेंस सेवाओं में सुधार हुआ है, किन्तु इसे और भी कम रिस्पाॅन्स टाइम में मरीजों तक पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे वे हाॅस्पिटल सुगमता से बिना विलम्ब के पहुंच सकें। होम आइसोलेशन में इलाजरत लोगों को पर्याप्त मेडिकल किट उपलब्ध कराया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस स्थिति पर नजर रखी जाए। स्वास्थ्य मंत्री के स्तर पर इसकी समीक्षा की जाए।
 प्रदेश में गेहूं क्रय की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इसकी हर दिन मॉनीटरिंग की जाए। सभी गेहूं क्रय केन्द्र संचालित रहें। यदि कोई केन्द्र कोविड संक्रमण कर्मी से प्रभावित होता है, तो तुरन्त वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। वे केन्द्र संचालित रहें। किसानों को अपनी उपज मनचाहे केन्द्र पर बेचने की पूरी स्वतंत्रता है। किसी भी प्रकार की कोई रोक नहीं है। क्रय केन्द्रों पर किसानों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए।

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