अशाेक यादव, लखनऊ। चेकिंग के बहाने लड़की को रोककर उसका मोबाइल नंबर लेने और फिर बार-बार फोन कर गंदी बात करने वाले दारोगा की गलती को हल्के में लेना बस्ती के आला पुलिस अधिकारियों को भारी पड़ गया।
शनिवार को इस मामले में कार्रवाई करते हुए शासन ने हेमराज मीणा का तबादला कर दिया। इसके साथ ही आरोपित दारोगा दीपक कुमार सिंह और कोतवाल रामपाल यादव को सस्पेंड कर दिया गया है। एसपी हेमराज मीणा की जगह पर आशीष श्रीवास्तव को बस्ती का नया एसपी बनाया गया है।
यह कार्यवाही शनिवार को एडीजी अखिल कुमार, कमिश्नर अनिल कुमार सागर और बस्ती की डीएम के पीड़ित लड़की के घर पहुंचने के बाद की गई। इस मामले में महिला आयोग ने बेहद सख्त रुख अपनाते हुए जांच और कार्यवाही करने को कहा था।
अधिकारियों की टीम ने दारोगा दीपक कुमार सिंह पर लगाए गए आरोपों और लड़की के परिवार पर दर्ज मुकदमों की जांच की। लड़की और उनके परिवार के सदस्यों के अलावा गांव के कई अन्य लोगों के बयान भी लिए गए।
उत्तर प्रदेश के बस्ती में एक दारोगा ने अपने पद और पॉवर के दुरुपयोग की हद पार कर दी थी। दारोगा ने लॉकडाउन में चेकिंग के बहाने एक लड़की को रोका, मास्क न पहनने पर टोका और फिर मोबाइल नंबर ले लिया।
इसके बाद वह वह लड़की को अक्सर फोन करने लगा। मैसेज भी भेजने शुरू कर दिए। जब ये मैसेज और बातचीत बर्दाश्त के बाहर हो गई तो लड़की ने एतराज कर दिया। इसके बाद दारोगा ने लड़की के भाईयों और अन्य सगे-सम्बन्धियों के खिलाफ मुकदमों का ऐसा जाल बिछा़या कि परिवार बूरी तरह परेशान हो उठा।
लड़की ने सबूतों के साथ पुलिस के आला अफसरों से शिकायत की तो दारोगा को लाइन हाजिर कर दिया गया। लेकिन लड़की और उसके परिवार को लगा कि पुलिस मामले को रफा-दफा करने की कोशिश कर रही है। लिहाजा, लड़की ने महिला आयोग से मामले की शिकायत की। महिला आयोग की सख्ती के बाद मामले पर जांच बिठा दी गई।
हालांकि जिले में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना था कि दारोगा ने लड़की को फोन करके और गांव में विवाद की सूचना मिलने पर बिना फोर्स अकेले जाने की गलती जरूर की लेकिन लड़की के परिवार के खिलाफ दर्ज मुकदमे बिल्कुल सही हैं।
शनिवार को एडीजी, कमिश्नर और डीएम द्वारा खुद मामले की जांच किए जाने के बाद शासन ने एसपी हेमराज मीणा को हटा दिया जबकि कोतवाल और आरोपी दारोगा को सस्पेंड कर दिया गया है।