समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा धारण की जाने वाली ‘टोपी’ पर पूर्व में तल्ख टिप्पणी कर चुके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि हाथरस में हाल में हुई घटना ने इस टोपी को एक बार फिर कठघरे में खड़ा कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए हाथरस की घटना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कल हाथरस में भी साबित हुआ है। दिन भर सोशल मीडिया पर यह चला कि टोपी वाला कौन था? हाथरस की घटना ने इस टोपी को फिर से कटघरे में खड़ा किया है।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि कल हाथरस में जो दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुई, क्या समाजवादी पार्टी का उस अपराधी से कोई संबंध नहीं है? हर अपराधी के साथ समाजवादी शब्द क्यों जुड़ जाता है। मैं यह पूछना चाहता हूं यह कौन सी स्थिति है, कौन सी मजबूरी है?
इस पर नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने मुख्यमंत्री के बयान का विरोध किया और एक फोटो दिखाते हुए कहा कि हाथरस मामले का आरोपी भाजपा के सांसद के साथ बैठा है।
योगी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि आज अलीगढ़ में समाजवादी पार्टी की एक रैली है और रैली के पोस्टर उस अपराधी द्वारा लगाए गए हैं। वह भी समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ लगाए गए हैं। यह क्या साबित करता है? वह पीड़ित लड़की भी चिल्ला चिल्ला कर कह रही है कि उस अपराधी का संबंध किससे है?
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने पिछली 24 फरवरी को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान एक वाकये का जिक्र करते हुए कहा था कि दो ढाई साल का एक बच्चा भी टोपी पहने व्यक्ति को गुंडा समझता है। उनका इशारा मुख्य रूप से विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के सदस्यों की तरफ था जो लाल टोपी पहनकर सदन की कार्यवाही में हिस्सा ले रहे थे।
सोमवार को हाथरस के सासनी क्षेत्र स्थित नोजल पुर गांव में कथित रूप से बेटी के साथ हुई छेड़छाड़ का मुकदमा वापस नहीं लेने पर अंबरीश शर्मा नामक किसान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले का मुख्य आरोपी गौरव शर्मा सपा का नेता बताया जा रहा है। हालांकि सपा ने इससे इंकार करते हुए उसे भाजपा का नेता बताया है।
कोरोना से प्रभावित होने के बारे में बोलते हुए योगी ने कहा कि कोविड से हमारा राजस्व प्रभावित हुआ, आम आदमी भी प्रभावित हुआ लेकिन हमने वित्तीय अनुशासन बनाये रखते हुए अपने लोककल्याणकारी कार्यक्रम जारी रखा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अब 60 साल से ऊपर और बीमार लोगों का टीकाकरण हो रहा है। मैंने निरीक्षण किया, सभी लोग धैर्य के साथ अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे। भारत ने बेहतर प्रबंधन किया। अब बचाव के लिए जो कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं, वह भारत की उपलब्धि है।
योगी ने कहा कि बजट के परिप्रेक्ष्य में भी यह बात उत्तर प्रदेश पर लागू होती है,हमने लगातार कोशिश जारी रखी। हम ऐसे समय बजट लेकर आये हैं जब वैश्विक महामारी है। देश-प्रदेश के हर तबके ने प्रदेश सरकार के बजट की सराहना की है। फिक्की जैसे औद्योगिक संगठनों ने भी प्रशंसा की।
योगी ने कहा कि पिछली सरकार चार्वाक के ‘ऋणम लीत्वा घृतं पीवेत’ की भावना वाली थीं। कोई दूरदर्शिता नहीं। इसलिये हर तबका नाराज होता था और फिर इन्हें जवाब भी दिया। योगी ने उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्व मुख्य सचिव ने बजट की सराहना की है,वास्तव में तात्कालिक फायदे वाली योजनाएं कभी दीर्घकालिक लाभ नहीं देतीं। हमने इस बात को समझा। स्वास्थ्य क्षेत्र ने भी बजट को सराहा है।
चेयरमैन सीआईआई ने भी कहा कि यह प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट है। यह लोग राजनीति से दूर रहने वाले लोग हैं, इन लोगों ने बजट के प्रावधानों की सराहना की है। एसोचैम के प्रेसिडेंट ने कहा कि जो बेहतर हो सकता था सरकार ने किया है। यह सर्वोत्तम बजट है। फिक्की की पूर्व अध्यक्ष (महिला चैप्टर) ने महिला बाल विकास की योजनाओं को मील का पत्थर बताया।
योगी ने कहा कि चार साल पहले देश और दुनिया में उत्तर प्रदेश को बीमारू कहा जाता था। इतनी बड़ी आबादी का 2 लाख करोड़ का बजट होता था, ‘ऊंट के मुंह मे जीरा’। जब बजट ही नहीं, इनकम बढ़ाने पर जोर ही नहीं दिया तो 2015-16 में इओडीबी में 14वें स्थान पर था। सो निवेश आएगा कैसे?आज नम्बर दो पर है।
योगी ने कहा कि प्रदेश 10.90 लाख करोड़ की जीडीपी थी। चार साल में यूपी देश की दूसरे नम्बर की अर्थव्यवस्था बन गया है। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की पहले नम्बर की अर्थव्यवस्था होगा। प्रदेश वही है, सोच नई है। लोग वहीं हैं। बस कार्यप्रणाली बदली है। यह नए भारत का नया यूपी है। अब सब अच्छा होगा।
योगी ने कहा कि हमने हर प्रवासी श्रमिक को प्रदेश के भीतर ही रोजी रोजगार मुहैया कराई है। गांव-को सड़कों से जोड़ा जा रहा है। जल जीवन मिशन के अंदर कितना बड़ा काम हो रहा है। हर घर नल, शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है। 1947 से 2017 तक महज 02 फीसदी लोग ही हर घर नल से जुड़े थे आज 10 फीसदी हैं। हमारी योजना एक वर्ष के लिए नहीं है। कार्यदायी संस्था की जिम्मेदारी होगी कि वह 10 साल तक इसका रखरखाव सुनिश्चित करे। यह है विकास का रोडमैप। शुद्ध पेयजल आपके लिए एजेंडा हो सकता है, हमारे लिए मिशन है।
1977 से गोरखपुर-बस्ती सहित 38 जनपद इसकी चपेट में थे। हमने इसके लिए आंदोलन किये, कार्यक्रम किये, संसद में रखा,पर आज अगर इसका समूल नाश हुआ है तो स्वच्छ भारत मिशन के सहयोग से, हमने अंतर्विभागीय समन्वय से काम किया। हर गांव तक बैंक पहुंच रहा है। केवल व्यवसाय की सुगमता ही नहीं जीवन की सुगमता भी, यही इस बजट का केंद्रीय भाव है।