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तरह-तरह के हथकण्डे अपना कर जनता को लूटने में लगी है सरकार : रामगोविन्द चौधरी

राहुल यादव, लखनऊ।विधानसभा में भाजपा सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 के प्रस्तुत बजट पर बोलते हुये राम गोविन्द चौधरी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुये कहा कि सरकार पिछले वर्ष 2020-21 के बजट में जो धनराशि ली थी , उसमें से 50 प्रतिशत धनराशि भी नहीं खर्च कर सकी । उन्होंने वर्तमान में बढ़ रही बेतहाशा महंगाई पर हमला बोलते हुये कहा कि जनवरी , 2020 से दिसम्बर , 2020 तक आम जनमानस की जरूरतों की सभी चीजें जैसे पेट्रोल – डीजल , बिजली , रसोई गैस तथा खाद्य सामग्रियों , दलें , सरसों का तेल , रिफाइंड , आटा , चीनी के एक वर्ष में लगभग डेढ़ से दो गुना कीमतों में की गयी बढ़ोत्तरी से गरीब और मध्यम वर्ग की कमर ही तोड़ दी है । सरकार सबका विकास कर्ज देकर और उसके बदले व्याज सहित भारी कर वसूल रही है । तरह – तरह के हथकण्डे अपना कर शुल्क बढ़ाकर जनता को लूटने में लगी है । ऐसे क्षेत्र जिनसे जनता का सीधा सरोकार है , सरकार ढूंढ – ढूंढ कर उस पर कर लगा रही है । 
 चौधरी ने कर को लेकर राम चरित्र मानस की एक चौपाई के माध्यम से सरकार को नसीहत दी कि ” बरसत हरसत सब लखे , करसत लखे न कोय । तुलसी प्रजा सुभाग से , भूप भानु सो होय ।। ” अर्थात राजा को सूर्य की भांति कार्य करना चाहिए । जनता से इस तरह कर ले कि उसे पता न चले और जब उससे कार्य करें तो सब प्रसन्न हों । विकास के नाम पर सरकार का एकसूत्री कार्यक्रम है कि पूर्व सरकार में  अखिलेश यादव ने जो कार्य किये हैं उनका नाम बदलो , फीता काटो और जो निर्माण कार्य कराये हैं उनको बेच दो । सरकार के बढ़े हुये आन्तरिक ऋण पर कहा कि वर्ष 2020-21 में 73,990.70 करोड़ का अनुमान था जो बढ़कर 89,702 करोड हो गया और अब बढ़कर 2021-22 में बढ़कर 83,409.40 करोड़ का अनुमान है । 
 चौधरी ने कहा कि सरकार को दूध उत्पाद संघों का समय से भुगतान करना चाहिए । बेरोजगारी पर बोलते हुये कहा कि आज प्रदेश में बेरोजगारी की दर 16 प्रतिशत से अधिक है , सरकार रोजगार के फर्जी आंकड़े पेश किये पड़ी है । सरकारी व अर्द्धसरकारी विभागों में हजारों कर्मचारी दैनिक वेतन पर या संविदा पर बड़ी निष्ठा से थोड़े पैसों पर कार्य करने वाले कर्मचारियों को वर्ष 2001 में  अखिलेश यादव की सरकार ने विनियमित कर दिया था । सरकार से मांग की कि वर्ष 2001 के बाद के ऐसे सभी कर्मियों को विनियमित किया जाय । बुनकरो की समस्या पर चौधरी ने कहा कि अखिलेश यादव ने बुनकरों के लिए फ्लैट रेट पर बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की थी जिसे इस सरकार ने यह व्यवस्था समाप्त कर दी , सरकार फ्लैट रेट व्यवस्था शीघ्र चालू करें । किसानों पर बोलते हुये बताया कि आज सरकार में किसान बहुत परेशान है समय पर खाद , रसायन नहीं मिल पा रहा है । धान , गेहूँ , गन्ने का भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है । धान खरीद में बिचौलियों का बोलवाला रहा है और किसानों के बजाय व्यापारियों से सरकार ने धान खरीदा है । चौधरी ने कहा कि  अखिलेश सरकार में गन्ने का मूल्य 25 रूपया कुन्तल बढ़ाया था । भाजपा सरकार ने 2020-21 में 10 रूपये बढ़ाने की घोषणा की जो कि छलावा लगता है , क्यों कि गन्ना पर्चियों में रेट के स्थान पर शून्य लिखा जा रहा है । गन्ने की लागत मूल्य 297 रूपये आ रही है जबकि वर्तमान डीजल , खाद , सिंचाई , रसायन के बढ़े हुए मूल्यों के हिसाब से तो यह 350 रूपये से भी अधिक आयेगी , इस हिसाब से सरकार को कम से कम 400 रूपया गन्ना का मूल्य निर्धारित करना चाहिए । चौधरी ने अंत में कर्मचारियों  व शिक्षकों के रोके गये सभी भत्ते बहाल करने तथा डी 0 ए 0 दिये जाने की मांग की ।

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