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जींद महापंचायत: अभी तो कानून वापसी की बात अगर गद्दी वापसी की बात हुई तो क्या करोगे- राकेश टिकैत

अशाेक यादव, लखनऊ। भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत की मौजूदगी में बुधवार को जींद के कंडेला गांव में हुई महापंचायत में केंद्र सरकार से तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में हुई ‘महापंचायत’ के दौरान वह मंच भी टूट गया जिस पर वक्ता बैठे हुए थे।

शुरुआती खबरों के मुताबिक जींद जिले के कंडेला गांव में बनाए गए मंच के टूटने से कोई घायल नहीं हुआ। मंच पर काफी संख्या में लोग इकट्ठा थे, जिसके कारण यह भार सहन नहीं कर पाए। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कई हफ्ते से टिकैत दिल्ली-उत्तरप्रदेश की सीमा पर किसानों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। वह महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए कंडेला गांव आए।

जींद महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब-जब राजा डरता है, तब-तब किलेबंदी करता है। दिल्ली में कीलें लगाई जा रही हैं, हम वो अपने खेतों में भी लगाते हैं। संबोधन में राकेश टिकैत ने कहा कि अभी हमने कानून वापसी की बात की है, अगर गद्दी वापसी की बात हुई तो क्या करोगे। टिकैत ने कहा कि अभी जींद वालों को दिल्ली कूच की जरूरत नहीं है, आप यहां पर ही रहे। राकेश टिकैत की ओर से ट्वीट भी किया गया कि पहले गिरफ्तार किसानों को रिहा किया जाए, तब आगे की बात होगी।

महापंचायत में कई खाप नेताओं ने भी भाग लिया। इसका आयोजन टेकराम कंडेला की अगुवाई में सर्व जातीय कंडेला खाप ने किया है। मंच गिरने के बाद टिकैत ने लोगों से अफरातफरी नहीं मचाने की अपील की। महापंचायत में पांच प्रस्ताव पारित किए गए। इसमें कृषि कानूनों को निरस्त करने, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, कृषि कर्ज माफी और 26 जनवरी को हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए किसानों को रिहा करने की मांग की गयी।

लोगों को संबोधित करते हुए कंडेला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को प्रदर्शनकारी किसानों के साथ सीधी वार्ता करनी चाहिए। करीब दो दशक पहले हरियाणा में किसानों का आंदोलन चलाने वाली कंडेला खाप ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को अपना समर्थन दिया है। किसान यूनियनों ने प्रदर्शन स्थल के आसपास इंटरनेट सेवा बंद करने और प्रशासन द्वारा उन्हें कथित तौर पर प्रताड़ित किए जाने के खिलाफ तीन घंटे के लिए राष्ट्रीय और राज्यों के राजमार्ग को अवरूद्ध करने की सोमवार को घोषणा की थी।

हरियाणा के जींद जिले के बहुचर्चित कंडेला गांव में कंडेला खाप द्वारा बुधवार को बुलाई गई किसान महापंचायत में बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। इस महापंचायत में महिलाओं की भी अच्छी खासी भागीदारी रही। महापंचायत में तीनों केंद्रीय कृषि कानून रद्द करने, एमएसपी को कानूनी जामा पहनाने, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने, किसानों का कर्ज माफ करने तथा 26 जनवरी को हिरासत में लिये गये किसान और जब्त किये गये ट्रैक्टर और वाहन छोड़ने तथा सभी के खिलाफ दर्ज किए गए मामले वापिस लेने सम्बंधी पांच प्रस्ताव पारित किये गये।

मंच पर इन पांचों प्रस्ताव खाप प्रधान टेकराम कंडेला ने पढ़ कर सुनाये जिनका उपस्थित किसानों ने हाथ उठा कर समर्थन किया। उन्होंने बताया कि इस महापंचायत में 100 से अधिक खाप, तपे, बारह के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत करीब पौने दो बजे पूरे लाव लशकर के साथ मंच पर पहुंचे। इसके बाद किसान और खाप नेताओं ने अपना सम्बोधन दिया लेकिन महापंचायत में मौजूद लोग टिकैत के बोलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

टिकैत लगभग दस मिनट के अपने सम्बोधन में सरकार के खिलाफ जमकर बरसे और उन्होंने इशारों में सरकार को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि तीनों कृषि बिल रद्द होने के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा।

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