अशाेक यादव, लखनऊ। मऊ के हिस्ट्रीशीटर अजीत सिंह की हत्या में शामिल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दो शूटरों का इंतजाम आजमगढ़ जेल में ही बंद शातिर अपराधी उद्यम सिंह ने कराया थ। इन शूटरों में राजेश तोमर व मुस्तफा उर्फ बंटी थे।
इतना ही नहीं करीब एक साल से रची जा रही इस साजिश में जो भी खर्चा आया, उसे एक ब्लॉक प्रमुख ने उठाया। इस ब्लॉक प्रमुख को कुंटू व अखण्ड ने जेल से ही रकम का इंतजाम करने को कहा था। यह खुलासा रिमाण्ड अवधि के दूसरे दिन ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू और अखण्ड ने पुलिस अफसरों के सामने पूछताछ में कहा। कुंटू की रिमाण्ड रविवार और अखण्ड की सोमवार को खत्म हो रही है।
छह जनवरी को अजीत की हत्या की साजिश रचने के आरोपी कुंटू और अखण्ड से शनिवार को करीब चार घंटे तक पुलिस अफसरों ने पूछताछ की। इस दौरान पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर, डीसीपी संजीव सुमन ने कई सवाल जवाब किये। इस दौरान ही कुंटू ने बताया कि आजमगढ़ जेल में बंद उद्यम सिंह ने दो शूटर दिये थे।
अजीत की हत्या की साजिश वह लोग एक साल से रच रहे थे। पर, सही शूटर नहीं मिल रहे थे। पहले यह तय हुआ था कि दो शूटर ही मौके पर रहेंगे। पर, अजीत अधिकतर बुलेट प्रूफ गाड़ी से चलता था और हमेशा असलहों से लैस रहता था। इस वजह से शातिर शूटरों को ढूंढ़ा जा रहा था। उद्यम सिंह ने जब दो शूटरों की व्यवस्था करा दी तो तय हुआ कि जनवरी में अजीत की हत्या कर दी जायेगी।
अखण्ड ने कुबूला कि 11 महीने तक आरोपियों के लखनऊ में रुकने के लिये तीन फ्लैट का किराया, गाड़ियों का इंतजाम और असलहों के लिये रुपयों की व्यवस्था पूर्वांचल के एक ब्लॉक प्रमुख ने की थी। इस ब्लॉक प्रमुख को एसवाई नाम से भी जाना जाता है। मोबाइल और व्हाटसएप चैट पर एसवाई कहकर ही उसके बारे में शूटरों को बताया गया था। इस ब्लॉक प्रमुख के लोग ही लखनऊ में लाखों रुपये दे गये।
दावा किया जा रहा है कि बजरंगी की हत्या का आरोपी सुनील राठी के गिरोह के दो लोग भी पुलिस की रडार पर है। इन दोनों के उद्यम सिंह से भी सम्पर्क बताये जा रहे है। इनके बारे में हालांकि पूछताछ में ज्यादा जानकारी नहीं मिली है। शनिवार को भी पूर्व सांसद के हत्या की साजिश में शामिल होने के बारे में पूछा गया।
इस बार भी दोनों ने ज्यादा कुछ नहीं बोला। इलाज के बारे में सिर्फ यह कहा कि इस बारे में विपुल ही जानता होगा। इस हत्याकाण्ड में कुछ और खुलासे शूटर रवि यादव, घायल राजेश तोमर, मुस्तफा और अंकुर के पकड़े जाने पर होने की बात कही जा रही है। इसके अलावा मददगार विपुल सिंह और बन्धन की तलाश में दो टीमों ने पूर्वांचल में कई जगह दबिश दी।