अशाेक यादव, लखनऊ। लखनऊ में खुलने वाले पुलिस साइंस एवं फोरेंसिक विश्वविद्यालय के लिए शासन ने 213 करोड़ रुपये मंजूर कर दिया है। इसके लिए सरोजनीनगर थाना क्षेत्र के पिपरसंड गांव में जमीन चिह्नित कर ली गई है। इसका ले-आउट प्लान भी अनुमोदित किया जा चुका है। इसकी संबद्धता राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय से प्रस्तावित है। साथ ही डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ से भी एमओयू भी प्रस्तावित है।
यह जानकारी अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने दी। उन्होंने कहा कि पुलिस विवेचना की गुणवत्ता में वृद्धि एवं उसमें अधिक से अधिक वैज्ञानिक तथ्यों का समावेश किए जाने के लिए फोरेंसिक सांइस के उपयोग को बढावा दिया जाएगा। प्रशिक्षित जनशक्ति को तैयार किए जाने के उद्देश्य से प्रदेश में सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत लखनऊ में यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फारेंसिक सांइस की स्थापना की जा रही है। इससे प्राप्त होने वाली जनशक्ति की बदौलत अपराधियों को वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर अधिकाधिक सजा दिलाने में सफलता मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिसकर्मियों को बेहतर आवासीय सुविधाएं उनके कार्यस्थल के निकट उपलब्ध कराए जाने के प्रयास तेज किए गए हैं। पुलिस विभाग के लिए बेहतर आवासीय एवं अनावासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 243 आवासीय एवं अनावासीय निर्माण कार्य पूरा कर उन्हें संबंधित इकाई को हस्तगत किया जा चुका है, जिस पर 1101 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च की गई है।