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धान खरीद : सरकार की सख्ती के बाद भी नहीं लग सकी बिचौलियों पर रोक, मिर्जापुर में 60 पर केस

अशाेक यादव, लखनऊ। प्रदेश सरकार की सख्ती के बावजूद धान क्रय केंद्रों पर बिचौलियों का राज है। गुरुवार को मिर्जापुर के मड़िहान में फर्जी कागजों के जरिये धान खरीद के मामले ने इसे और पुष्ट किया है। इससे पहले भी बरेली, कानपुर, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, प्रयागराज और सीतापुर में कई मामले सामने आ चुके हैं।

किसान पहले से ही आरोप लगाते रहे हैं कि सरकार की मंशा के बावजूद केंद्र प्रभारी, स्थानीय अधिकारी, ठेकेदार और मिल मालिक मिलकर उनका हक मार रहे हैं। हाल की घटनाओं ने किसानों के आरोपों को सही साबित किया है।

मिर्जापुर के मड़िहान में गुरुवार को नए घोटाले का खुलासा हुआ। एसडीएम की जांच में पता चला कि फर्जी किसान बनकर संतनगर केंद्र से 60 किसानों के नाम से धान खरीद की गई। मामला सामने आने के बाद 60 बिचौलियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

इसी तरह कुशीनगर जिले में दो क्रय केंद्रों ने ऐसे किसान से 1084 कुंतल धान खरीद लिये जिसके पास खेती की जमीन ही नहीं थी। सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज में 9831 कुंतल धान फर्जी खतौनी पर खरीदने का मामला सामने आया है। घपले में 14 लोगों पर केस दर्ज हुआ है।

बरेली मंडल में भी अब तक 38 एफआईआर दर्ज किए जा चुके हैं। बदायूं में एसएफसी के जिला प्रबंधक को शासन ने निलंबित कर दिया है। कानपुर नगर में धान न खरीदने के आरोप में घाटमपुर केंद्र प्रभारी को सस्पेंड किया गया।

चित्रकूट, हरदोई कानपुर देहात और उन्नाव में भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं। प्रयागराज में भी अब तक 19 बिचौलियों के खिलाफ अलग-अलग थानों में मुकदमा दर्ज करवाया जा चुका है। यही नहीं, क्रय केंद्रों पर धान खरीद न होने की शिकायतें भी आई हैं। सोनभद्र और कानपुर के एक केंद्र पर तौल न कराने से परेशान किसान ने अपने धान में आग लगा दी थी।

धान खरीद वर्ष 2020-21 में अब तक 59 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है जबकि लक्ष्य 55 लाख मीट्रिक टन का था। पूर्वी उत्तर प्रदेश में अभी 28 फरवरी तक खरीद होनी है। इसके तहत 11,32,755 किसानों से धान खरीद की गई।

धान खरीद में होने वाली गड़बड़ियों को लेकर राज्य में अब तक 1500 कार्रवाई की जा चुकी है। 55 केन्द्र प्रभारियों व 85 अन्य व्यक्तियों समेत 78 पर एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। वहीं 50 लोगों का निलम्बन भी धान खरीद में गड़बड़ी के कारण हो चुका है।

इनमें दो-दो सम्भागीय खाद्य नियंत्रक, जिला खाद्य विपणन अधिकारी, जिला प्रबन्धक-पीसीयू, जिला प्रबन्धक-एसएफसी और एक मण्डी सचिव और 36 केन्द्र प्रभारियों  को निलम्बित किया जा चुका है।

16 विभागीय कार्रवाई, 37 केन्द्र प्रभारियों के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि, 247 केन्द्र प्रभारियों को चेतावनी व 829 कर्मचारियों के खिलाफ बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा 99 मिलर/ठेकेदार को नोटिस, दो लाइसेन्स निलम्बन के साथ पांच कर्मचारियों को जेल भी भेजा जा चुका है।

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