बलिया जिला कारागार में बंद हत्या, लूट समेत अन्य गंभीर अपराधों का आरोपित बंदी सोमवार की रात फरार हो गया। मंगलवार सुबह इसकी जानकारी होते ही महकमे में खलबली मच गई। जेल अधिकारियों की सूचना पर पुलिस फरार बंदी की धर-पकड़ में जुट गई। हालांकि काफी प्रयास के बाद भी उसका सुराग नहीं लग सका। शाम को डीआईजी जेल (गोरखपुर रेंज) भी यहां पहुंच गए।
बांसडीहरोड थानाक्षेत्र के बिगहीं निवासी बेचूराम पर जनपद के अलग-अलग थानों में करीब एक दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। दो साल पहले पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। सोमवार की शाम वह कोर्ट से पेशी से लौटा। रात में बैरक के अंदर के रोशनदान में लगे लोहे के सरिये को काटकर जेल से फरार हो गया। मंगलवार की सुबह इसकी जानकारी होते ही जेल प्रशासन में खलबली मच गई।
खबर मिलते ही जेल पर पुलिस व प्रशासनिक अफसर पहुंच गए तथा जेल के अधिकारियों से मामले की जानकारी ली। बेचू के खिलाफ कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। उसे पकड़ने के लिए पुलिस की कई टीमों को लगाया गया है। मामले की जानकारी मिलते ही डीआईजी जेल गोरखपुर रेंज ने पहुंचकर मामले की छानबीन की।
करीब ढाई साल से जिला जेल में बंद शातिर बेचू को जेल प्रशासन ने तन्हाई (सिंगल बैरक) में रखा था। शायद यही कारण है कि रात में रोशनदान काटने की जानकारी किसी को नहीं हो सकी। चार जून 2018 को माइक्रो फाइनेंस कम्पनी के एजेंट तथा सुखपुरा थाना क्षेत्र के ब्रह्माइन निवासी सुनील यादव को गड़वार के बलेसरा गांव के पास बाइक सवार बदमाशों ने गोली मार दी।
लूट के लिये हुई इस हत्या की घटना को अंजाम देकर फरार हो रहे दो बदमाशों बांसडीहरोड थाना क्षेत्र के बिगहीं निवासी बेचू तथा उसके साथी बैरिया थाना क्षेत्र के चकिया निवासी जितेन्द्र राम को ग्रामीणों ने दबोच लिया था।
पुलिस ने दोनों के पास से लूट के करीब 98 हजार रुपये बरामद करने के साथ ही पांच जून 2018 को बेचू व जितेंद्र को जेल भेज दिया। जेल सूत्रों की मानें तो कारागार में भी वह लड़ाई-झगड़ा करता था, लिहाजा अधिकारियों ने उसको सिंगल बैरक में रखने का निर्देश दिया।