अशाेक यादव, लखनऊ। दालों के आसमान छूते दामों को नियंत्रित रखने व उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही काउन्टर लगाकर दालें बिकवाएगी। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के साथ सहमति बनने के बाद राज्य सरकार ने यह निर्णय किया है।
इसके तहत नेफेड राज्य सरकार को अरहर, मूंग व उड़द की दालों की आपूर्ति करेगा और सरकार उन दालों को हाफेड, पीसीएफ, यूपी एग्रो और मण्डी समितियों के माध्यम से खुले बाजारों में बिकवाएगी।
इस संबंध में लखनऊ में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह भी तय किया गया कि कालाबाजारी न हो इसके लिए तीनों दालों के अलग-अलग एक किलोग्राम के पैकेट तैयार कराकर उसे आम उपभोक्ताओं को बेचे जाएंगे।
जानकारों का कहना है कि सस्ती दरों पर दालें बेचने की कवायद इस महीने के पहले सप्ताह में ही शुरू की गई थी, जब दालों के भाव रिकॉर्ड तोड़ रहे थे। इस बीच अरहर की दालों के दामों में विभिन्न कारणों से 25 रुपए प्रतिकिलों तक की गिरावट आ गई जबकि चना-मटर व उड़द के दालों में भी 2 से 3 रुपये प्रतिकिलो की कमी आ गई।
जब यह कवायद शुरू हुई थी तब अरहर की सबसे बेहतर क्वालिटी की पुखराज दाल 125 रुपये किलो तक पहुंच गई थी जबकि अरहर की ही सूरजमूखी किस्म की दाल का मूल्य 122 रुपये तक पहुंच गया था।
इस समय दोनों किस्मों की अरहर की दालों के दाम क्रमश: 103 से 105 रुपये और 101 से 102 रुपये प्रतिकिलो हैं। नेफेड से प्राप्त होने वाली अरहर की दालें राज्य सरकार 85 रुपये किलों की दर से बाजारों में बेची जाएंगी।
इसी प्रकार से उड़द की दालें भी 79 रुपये से 81 रुपये प्रतिकिलों की दर से बेची जाएंगी। नेफेड के स्टाक में वर्ष 2018 एवं 2019 की उड़द की दालें हैं, जिनके दाम भी अलग-अलग हैं। वर्ष 2018 की उड़द की दाल 79 रुपये प्रतिकिलो और वर्ष 2019 की उड़द की दालें 81 रुपये प्रतिकिलों की दर से उपभोक्ताओं को बेची जाएंगी।
उत्तर प्रदेश सहकारी कृषि औद्यानिक विपणन संघ (हॉफेड), प्रादेशिक कोआपरेटिव फेडरीशन (पीसीएफ), यूपी एग्रो एवं मण्डी परिषद की मण्डी समितियां।
देश के दलहन उत्पादन करने वाले प्रमुख राज्य
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र एवं गुजरात
आयात से पूरी होती है मांग
देश में दालों का उत्पादन मांग की तुलना में काफी कम होती है। नतीजा इसका भारी मात्रा में आयात किया जाता है। देश में म्यानमार, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, संयुक्त राज्य अमेरिका तथा रूस से प्रति वर्ष करीब 70 से 71 लाख टन चना, मटर, उड़द, अरहर एवं मसूर दालों का आयात किया जाता है।