विश्व बैंक ने भारत और पाकिस्तान के बीच जल बंटवारे समझौते को सुलझाने के लिए मध्यस्थता से इनकार कर दिया है। बैंक ने सुझाव दिया है कि दोनों देश आपसी सहमति के साथ विकल्प चुन सकते हैं।
समाचारपत्र डॉन की रिपोर्ट के अनुसार विश्व बैंक के पाकिस्तान में पूर्व निदेशक पच्चमुथु इलंगोवन ने कहा कि दोनों देशों को आगे बढ़ने के लिये आपसी सहमति के साथ सोचना चाहिए।
पाकिस्तान ने वर्ष 2016 में विश्व बैंक से शिकायत की थी और इस मामले पर फैसला करने के लिए स्थाई मध्यस्थता न्यायालय (सीओए) नियुक्त करने की गुजारिश की थी जबकि भारत ने मतभेदों को सुलझाने के लिए एक तटस्थ विशेषज्ञ की मांग की थी।
इलंगोवन ने स्पष्ट किया कि सिंधु जल संधि 1960 के समझौते के तहत विश्व बैंक के लिए एकतरफा निर्णय लेने का कोई प्रावधान मौजूद नहीं है।