नई दिल्ली: आधार की अनिवार्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई हो रही है. इस मामले की सुनवाई की शुरुआत में अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने पीठ के समक्ष कहा कि फरवरी की शुरुआत से ही अयोध्या मामले की सुनवाई होनी है इसलिए सभी पक्षों का वक्त निर्धारित किया जाए.अटॉर्नी जनरल की इस दलील पर याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील श्याम दीवान ने इसका विरोध किया. उन्होने कहा कि अगले हफ्ते ही बता सकते हैं कि उनकी बहस में कितना वक्त लगेगा क्योंकि इस मामले में अलग-अलग पहलुओं पर 27 याचिकाएं दाखिल हैं.
दीवान ने पीठ से कहा कि ये मामला बेहद गंभीर है और इसमें पूरे आधार प्रोजेक्ट को चुनौती दी गई है. कोई भी लोकतांत्रिक समाज इसे स्वीकार नहीं करेगा कि विदेशों में फैसला नागरिकों के पक्ष में गया है. अगर सरकारी योजना को मंजूरी दी जाती है तो ये नागरिकों का संविधान नहीं बल्कि राज्य का संविधान जैसा होगा. याचिककर्ता के वकील दीवान ने दी ये दलील :
– आधार कार्ड संवैधानिक है या नही ये पीठ को तय करना है?
– क्या आधार कार्ड रूल ऑफ लॉ के मुताबिक है?
– आधार कार्ड को मनी बिल की तरह क्यों पेश किया गया?
– क्या लोकतंत्र में किसी को ये अधिकार है या नहीं की वो पहचान पत्र के लिए फिंगर प्रिंट या शरीर के किसी हिस्से का निशान वो दे या नहीं?
– क्या इस डिजिटल संसार में कोई अपने को प्रोटेक्ट कर सकता है या नहीं?
– आधार कार्ड के लिए अपनी जानकारी साझा करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा तो नहीं?
– बैंक एकाउंट और मोबाइल नंबर के लिए आधार कार्ड अनिर्वाय क्यों?
– सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं में आधार कार्ड अनिवार्य क्यों?
– UGC के तहत कुछ प्रोग्राम में इसको अनिवार्य क्यों किया गया है?
– आयकर रिटर्न्स भरने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य क्यों?
वकील श्याम दीवान ने कहा कि देश में आप बिना आधारकार्ड के नागरिक के तौर पर जीवित नहीं रह सकते. UIDAI ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 2014 के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की है, जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था की आपराधिक मामलों में वो बायोमेट्रिक डाटा साझा करेगी.
उन्होंने कहा कि आधार कार्ड को अब बैंक एकाउंट, मोबाइल नंबर, इंश्योरेंस पॉलिसी और ट्रांजेक्शन के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. देश में कई लोग ऐसे है जो आधार कार्ड को बनवाने के लिए आधार कार्ड के सेंटर तक नहीं पहुंच पाते. लोग तीन या चार बार लगातार फिंगर प्रिंट देते है उनको ये नहीं पता होता कि पहली बार में सही गया तह या नहीं? ऐसे में इस बात का भी अंदेशा होता है कि उनके एकाउंट को खाली न कर किया गया हो.