नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर को और सरल बनाने के लिए प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इससे विश्वबैंक की कारोबार सुगमता सूचकांक में भारत की रैंकिंग सुधारने में मदद मिलेगी। विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 14 स्थान सुधरकर 63वें स्थान पर आ गया। सरकार ने अगले कुछ साल में कारोबार सुगमता रैंकिंग मामले में 50 के भीतर आने का लक्ष्य रखा है। संवाददाताओं से बातचीत में सीतारमण ने कहा कि देश में राज्यों को खासकर संपत्ति पंजीकरण के संदर्भ में कारोबारी माहौल में सुधार के लिये प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के क्रियान्वयन से देश का कारोबार सुगमता रैंकिंग सुधारने में मदद मिली है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि अगली रैंकिंग में विश्वबैंक कोलकाता और बेंगलुरु में कारोबारी माहौल को शामिल करेगा। फिलहाल, वह केवल दिल्ली और मुंबई को शामिल करता है। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियम ने कहा कि बैंकों द्वारा कर्ज देने को लेकर ग्राहकों तक पहुंचने के मौजूदा कार्यक्रम से एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) को कर्ज देने की स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इससे विश्वबैंक की कारोबार सुगमता सूचकांक में भारत की रैंकिंग सुधारने में मदद मिलेगी। विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 14 स्थान सुधरकर 63वें स्थान पर आ गया। सरकार ने अगले कुछ साल में कारोबार सुगमता रैंकिंग मामले में 50 के भीतर आने का लक्ष्य रखा है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, जीएसटी को सरल बनाने से कारोबार सुगमता में भारत की रैंकिंग सुधरेगी
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