नई दिल्ली: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले अयोध्या में धारा-144 लगा दी गई है। अयोध्या के डीएम की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अब शहर में चार से ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते। इसके साथ ही जिले में ड्रोन का इस्तेमाल कर किसी भी तरह की फिल्म रिकॉर्डिंग पर बैन लगा दिया गया है। धारा-144 10 दिसंबर तक लगाई गई है। बता दें, सुप्रीम कोर्ट पीठ ने इस मामले में कोर्ट की कार्यवाही पूरी करने की समय सीमा की समीक्षा की थी और इसके लिए 17 अक्टूबर की सीमा तय की है। दशहरा की हफ्ते भर की छुट्टी के बाद सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई सोमवार को अंतिम चरण में प्रवेश कर जाएगी और कोर्ट की संविधान पीठ 38वें दिन इस मामले की सुनवाई करेगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस जटिल मुद्दे का सौहार्दपूर्ण हल निकालने के लिये मध्यस्थता प्रक्रिया के नाकाम होने के बाद मामले में छह अगस्त से रोजाना की कार्यवाही शुरू की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के साल 2014 के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट 14 अपीलों पर सुनवाई कर रहा है। पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायामूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं। न्यायालय ने अंतिम चरण की दलीलों के लिये कार्यक्रम निर्धारित करते हुए कहा था कि मुस्लिम पक्ष 14 अक्टूबर तक अपनी दलीलें पूरी करेंगे और इसके बाद हिंदू पक्षकारों को अपना प्रत्युत्तर पूरा करने के लिये 16 अक्टूबर तक दो दिन का समय दिया जाएगा। इस मामले में 17 नवंबर तक फैसला सुनाये जाने की उम्मीद है। इसी दिन प्रधान न्यायाधीश गोगोई सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
राम मंदिर पर फैसले से पहले अयोध्या में 10 दिसंबर तक लगाई गई धारा-144
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