लखनऊ। चार सूत्रीय मांगों को लेकर आन्दोलनरत कोषागार कर्मचारी संघ का आन्दोलन राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मुख्य सचिव स्तर पर हुई वार्ता के उपरान्त कोषागार कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मण्डल की निदेशक स्तर पर हुई वार्ता के बाद आन्दोलन स्थगित कर दिया गया। कोषागार कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरकिशोर तिवारी, महामंत्री शिवबरन सिंह यादव आन्दोलन की घोषाणा के साथ ही मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त से वार्ता कर रहे थे। संघ कोषागार लेखा संवर्ग को सचिवालय के लेखा संवर्ग की पूर्व से प्राप्त समानता व समकक्षता के अनुसार वेतन आद्यतन पुनरीक्षित किया जाये तथा पदों का सचिवालय के समान पुर्नवर्गीकरण किया जाए। कोषागार लेखा संवर्ग की नियमावली बनाई जाए। पदावनति सम्बधी समस्त आदेश निरस्त किये जाए। विभिन्न पदों पर एक वर्ग से रूकी हुई पदोन्नति तथा एससीपी प्रदान की जाए। मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि निदेशक स्तर पर प्रतिनिधि मण्डल की वार्ता और संतोषजनक जबाब के उपरोक्त कार्यक्रम दो माह के लिये स्थगित हो गया है। प्रदेश भर के 78 कोषगार 11ता से 2 घंटे का कार्यबहिष्कार कर रहे थे और शनिवार को मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने वाले थे । इसके बाद पूरे प्रदेश के कोषागार कर्मी जवाहर बहन स्थित निदेशक कोषागार कार्यालय का घेराव करते इससे पहले ही मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री ने हसक्षेप पर मुख्यसचिव ने शासन के वित्त विभाग के कान उमेठे फिर सुबह से ही कोषागार संघ के पदाधिकारियों की मान मनौवल का दौर चला फिर आधिकारिक तौर पर चली लंबी वार्ता के बाद शासन ने मागो पर संहमती जताते हुए 31 अक्तूबर तक समय मांगा और संघने संहमती जताते हुए आंदोलन को दो माह के लिए स्थगित कर दिया। बैठक में शासन और निदेशालय के वरिष्ठ अधिकरियो के साथ संघ प्रदेश महासचिव हेमन्त कुमार श्रीवास्तव , उपाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार , मनोज कुमार समपेक्षक नितिन शंकर और जवाहर भवन कोषागार के विपिन मौजूद थे। संघ प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश चन्र्द अगिहोत्री तथा वरिष्ठ उपाध्यक्ष नज्मी कमाल खान ने आंदोलन में सहयोग के लिए राज्य कर्मचारी सन्युक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी व परिषद के महामंत्री शिवबरन यादव के साथ साथ अन्य स्वर्गीय संगठनों तथा पेंशनर संगठनों सहित जनपदीय अधिकारियो एवं मीडिया बंधुओं का आभार व्यक्त किया है, प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी चेताया कि यदि तय समय मे मांगो पर आदेश निगत नही होते है तो स्थगित किया गया आंदोलन माह नवंबर में पुनः शुरू कर दिया जाएगा।
परिषद के प्रयास और निदेशक स्तर पर वार्ता के बाद आन्दोलन स्थगित
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