नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की कुर्सी गंवाने वाले नवाज शरीफ को मंगलवार को नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो से राहत मिल गई है। पाकिस्तान की (NAB) अदालत ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार मामलों की सुनवाई चार दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी है।शरीफ ने कोर्ट से आग्रह किया था कि जब तक उनकी याचिका पर हाई कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता है, तब तक के लिए सुनवाई रोक दी जाए। उन्होंने अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के तीन मामलों की एक साथ सुनवाई के लिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट में अर्जी दी है। ज्ञात हो कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 28 जुलाई को पनामा पेपर मामले में शरीफ को संवैधानिक पद के अयोग्य करार दिया था।
शीर्ष कोर्ट ने शरीफ, उनके दोनों बेटों हसन और हुसैन, बेटी मरयम व दामाद मुहम्मद सफदर के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले दर्ज करने का आदेश भी दिया था। इस पर एनएबी ने आठ सितंबर को मुकदमे दायर किए थे। इन्हीं मामलों में 67 वर्षीय शरीफ अपनी बेटी और दामाद के साथ एनएबी कोर्ट में पेश हुए। उनके वकील ने जज मुहम्मद बशीर से हाई कोर्ट को फैसला आने तक सुनवाई रोकने का आग्रह किया।
बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का फैसला आने तक कार्यवाही निलंबित करने का अनुरोध किया। शरीफ ने तीनों मामलों को एक साथ जोडऩे की मांग की है क्योंकि सभी कथित रूप से आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने से संबंधित है।
शरीफ ने बताया कि हाई कोर्ट ने उनकी अर्जी पर 23 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट का फैसला किसी भी दिन आ सकता है। एनएबी के अभियोजक ने इसका विरोध किया लेकिन जज ने उनकी दलीलों को नामंजूर कर दिया। इसके पहले एनएबी कोर्ट ने सभी मामलों की एक साथ सुनवाई की मांग करने वाली शरीफ की याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया था।
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